Illegal Drug Business: दवा के अवैध कारोबार पर छापा मारने के बाद रोक दी कार्रवाई
Illegal Drug Business सहायक औषधि आयुक्त ने दो साल में की कार्रवाई का मांगा ब्योरा। औषधि विभाग ने छापे में पकड़ी दवाएं नहीं की आगे कार्रवाई।
आगरा, जागरण संवाददाता। दवाओं का अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का ब्योरा जुटाया जा रहा है। दवा के अवैध कारोबार के मामले कोर्ट में लंबित हैं, उनमें कार्रवाई की जाएगी।
औषधि विभाग की टीम ने 2019 में मालवा ट्रांसपोर्ट कंपनी, सिकंदरा में घर में बना रखे गोदाम में छापा मारने के बाद आगे कार्रवाई नहीं की गई। इस तरह के कई और मामले हैं। सहायक औषधि आयुक्त अखिलेश कुमार जैन ने बताया कि मैंने अभी ज्वाइन किया है, पिछले सालों में की गई कार्रवाई, कितने मामले कोर्ट में लंबित हैं। इसका कारण क्या है, यह ब्योरा मांगा गया है। जिससे दवा के अवैध कारोबार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा सके। इसकी रिपोर्ट शासन को भी भेजी जाएगी।
स्थानीय औषधि विभाग की कार्रवाई
जनवरी 2019 में यमुना पार में एक गोदाम से बड़ी मात्रा में नशे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कोडीन युक्त
कफ सीरप जब्त किए गए
फरवरी 2019 में बांके बिहारी धाम, सिकंदरा में फ्लैट नंबर 305 में चल रही नकली दवा की फैक्ट्री पकड़ी गई, हरीबाबू को जेल भेज दिया गया। दवाओं पर एसडीजी ड्रग फार्मास्यूटिकल लिमिटेड, प्लाट नंबर 10 भगवती कॉम्प्लेस आगरा और निर्माता कंपनी का नाम पोलो फार्मास्यूटिकल बददी लिखा हुआ है।
जून 2019 निबोहरा क्षेत्र में नकली एमकीकासिन इंजेक्शन के साथ अभिमन्यु चौहान निवासी यमुना बिहार कमला नगर, रामहरि और उसकी पत्नी शीतल शर्मा निवासी सहदपुर थाना निबोहरा और संतोष शर्मा निवासी तुलसीपुरा खंडेर, फतेहाबाद हाल निवासी राजपुर चुंगी पकडे गए, जेल भेज दिया गया
जुलाई 2019 में मालवा ट्रांसपोर्ट यमुना पार में 20 लाख के कफ सीरप और दवाएं जब्त कीं, नोटिस देने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई
अगस्त 2019 में औषधि विभाग ने सिकंदरा से दो गोदाम से सवा करोड की दवा जब्त की, गोदाम पर काम करने वाले को जेल भेज दिया गया, सरगना पकडे नहीं गए
दिसंबर 2019 में कमला नगर और विजय नगर कॉलोनी में अवैध गोदाम से 20 लाख रुपये की नशीली दवाएं पकड़ी
औषधि निरीक्षक के रिश्वत मांगने के प्रकरण में शासन ने मांगी रिपोर्ट
औषधि निरीक्षक राजकुमार शर्मा पर सिकंदरा में फ्लैट में चल रही दवाओं की अवैध फैक्ट्री संचालक हरीबाबू ने 2019 में 35 लाख रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे। इस मामले की आगे जांच नहीं हुई। जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशु शर्मा ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन कर औषधि निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। इस मामले में शासन स्तर से रिपोर्ट मांगी गई है।