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सेहत की अनदेखी महिलाओं में हाईरिस्क प्रेग्नेंसी की वजह

आगरा डायटिटिक्स एसोसिएशन ने जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को दी एनीमिया और कुपोषण को दूर करने की जानकारी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 05:48 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 05:48 PM (IST)
सेहत की अनदेखी महिलाओं में हाईरिस्क प्रेग्नेंसी की वजह
सेहत की अनदेखी महिलाओं में हाईरिस्क प्रेग्नेंसी की वजह

आगरा, जागरण संवाददाता। भारत में ज्यादातर महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर कम ही पाया जाता है और वह अपनी गर्भावस्था इसी हालत में शुरू करती हैं। एक अनुमान के मुताबिक 10 में से 06 महिलाएं एनीमिया या खून की कमी से पीड़ित होती हैं। यही कारण है कि डाॅक्टर ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोलियां लेने की सिफारिश करते हैं। यह कहना है विशेषज्ञों का।

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आगरा डायटिटिक्स एसोसिएशन की ओर से शुक्रवार को जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए एक शैक्षणिक सत्र आयोजित किया गया। एनीमिया फ्री प्रेग्नेंसी विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में गर्भवती महिलाओं को बताया गया कि एनीमिया यानि खून की कमी को अच्छे-खान पान या पोषण से कैसे दूर किया जा सकता है। सीनियर डायटीशियन सोनल भार्गव ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में एनीमिया का प्रभाव अधिक होता है। गर्भावस्था के दौरान शरीर को अधिक मात्रा में विटामिन, मिनरल व फाइबर आदि की जरूरत होती है। रक्त में लौह तत्वों की कमी होने से शारीरिक दुर्बलता बढ़ती है। गर्भावस्था में शरीर में खून की कमी हो जाने पर थकान, कमजोरी, रंग का पीला पड़ जाना, सांस लेने में दिक्कत, नाखूनों, आंखों या होठों का पीला होना और बच्चा पैदा करने में अन्य कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में चुकंदर, पालक, ब्रोकोली, पत्ता गोभी, शलजम, शकरकंद जैसी सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती हैं। यह आयरन के अच्छे स्त्रोत हैं। वक्ताओं में उपासना शर्मा ने कहा कि सूखे मेवे जैसे खजूर, बादाम, किशमिश, अखरोट, खुबानी आदि में भी आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। फलों में खजूर, तरबूज, सेब, अंगूर, अनार आदि के सेवन से खून बढ़ता है। सुचेता मंगल ने बताया कि वे गर्भवती महिलाएं जिनके शरीर में आयर का स्तर ठीक होता है वे कम बीमार पड़ती हैं। ऐसी माताओं के बच्चों को भी जन्म के समय आॅक्सीजन की कमी होने की आशंका कम होती है। इसलिए पर्याप्त आयरन की खुराक लें और आप और आपके शिशु दोनों के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करें। कार्यशाला के अंतर्गत प्रजेंटेशन के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को एनीमिया की कमी को दूर करने के तरीके समझाए गए, साथ ही आहार पुस्तिकाओं का वितरण किया गया।

इस दौरान नेहा कुलश्रेष्ठ, लवीना शर्मा, रोली सैनी, हर्षिका उपाध्याय, तप्ती सेन, दिव्या वर्मा, काजल सिंह आदि मौजूद थीं। 


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