Nutrition Month: घर में हो किचन गार्डन तो काफी हद तक दूर हो जाए कुपोषण
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता करेंगी सैम बच्चों का चिन्हाकंन। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शून्य से पांच साल तक के बच्चों के घर-घर जाकर दे रहीं परामर्श।
आगरा, जागरण संवाददाता। कुपोषण मुक्त भारत के लिये सरकार लगातार काम कर रही है। ग्रामीण हो या शहरी, दोनों ही जगहों पर कुपोषित बच्चे देखने को मिलते हैं। इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार वर्तमान जीवन शैली और अनियंत्रित खान-पान की आदतें हैं। बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए उसका समुचित पोषण होना आवश्यक है। इसके लिए देश में विशेष मुहिम चल रही है। इसी क्रम में आगरा जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। बीते दिनों बाल विकास परियोजना सैंया के ग्राम सैंया में विधायक महेश कुमार गोयल द्वारा पोषण माह का उदघाटन किया गया। इसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी साहब यादव, ग्राम प्रतिनिधि शैलेंद्र कसाना, पूर्व प्रधान मुरारी लाल, प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी ऊषा गोस्वामी, मुख्य सेविका सुधा शर्मा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता देवी, सर्वेश त्यागी उपस्थित रहे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी साहब सिंह यादव ने बताया कि सभी बच्चों को पोषित बनाना इस पोषण माह का मुख्य उद्देश्य है । इस वर्ष पोषण माह में दो मुख्य उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए अभियान चलाया जाएगा। पहला अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उनकी मॉनिटरिंग की जाएगी और दूसरा किचन गार्डन को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा ।
उन्होने बताया की पोषण माह की गति को इस वर्ष भी बनाए रखने के लिए तृतीय राष्ट्रीय पोषण माह सितंबर 2020 में बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में व्याप्त रोग एवं मृत्यु दर का प्रमुख कारण कुपोषण है। आगरा जनपद में 0- 5 साल तक के बच्चों में पोषण माह 2020 के दौरान सैम (सीवियर एक्यूट मॉलनरिश्ड) बच्चों को शीघ्र चिन्हांकन एवं सन्दर्भन है,जिसे अभियान के रूप में चलाया जाएगा। नियमानुसार बच्चों को पीएचसी, सीएचसी और एनआरसी में रेफर किया जाएगा।
पोषण विषय पर होगी ऑनलाइन प्रतियोगिता
अभियान के दौरान शिक्षा विभाग के माध्यम से पोषण विषय पर ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी। डिजिटल पोषण पंचायत आयोजित की जाएंगी। पोषण से संबंधित विभागों के माध्यम से वेबिनार आयोजित होगी। कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत गृह मंत्रालय भारत सरकार एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग, स्वच्छता, सैनिटाइजेशन आदि नियमों का पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फल एवं सब्जियां सूक्ष्य पोषक तत्व के महत्वपूर्ण स्रोत हैं और इन पोषक तत्वों को नियमित आहार में सम्मिलित करना अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
भ्रमण में दी जाएगी सलाह
पोषण माह में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृह भ्रमण किया जाएगा। गृह भ्रमण में आखिरी त्रैमास की गर्भवती महिलाएं, 0-6 माह के बच्चे तथा 6 माह -2 वर्ष के बच्चों के घर भ्रमण कर एक घंटे के अंदर शीघ्र स्तनपान, 6 माह तक केवल स्तनपान, 6 माह तक स्तनपान, 6 माह के बाद ऊपरी आहार शुरूआत करने का परामर्श देंगी।
सैम और मैम, आखिर हैं क्या
सैम (सीवेयर एक्यूट मॉलनरिशड) और मैम (मोडरेट एक्यूट मॉलनरिशड) को कुपोषित और अति कुपोषित भी कहते हैंं। सैम और मैम बच्चों का निर्धारण उनकी लम्बाई और वजन से होता है|