सुविधाएं और मार्गदर्शन मिलें तो पदकों से झोली भर दें आगरा के तलवारबाज
आगरा स्टेडियम में नहीं है तलवारबाजी का कोच। घर में अभ्यास करने को मजबूर हैं खिलाड़ी। तलवारबाजी का हाल बंद है और खिलाड़ी घर में अभ्यास कर स्वयं को फिट रख रहे हैं। खिलाड़ियों को चुनौतीपूर्ण माहौल नहीं मिल पा रहा है।
आगरा, जागरण संवाददाता। टोक्यो ओलिंपिक में जिन खेलों ने भारत को भविष्य के लिए उम्मीद बंधाई, उनमें तलवारबाजी (फेंसिंग) भी शामिल है। तलवारबाज भवानी देवी ने दूसरे राउंड में पहुंचकर इतिहास रचा। आगरा में भी भवानी देवी जैसे खिलाड़ियों की कमी नहीं है। संसाधनों के अभाव ने उनकी राह में मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। स्टेडियम में कोच नहीं होने से खिलाड़ी घर में अभ्यास कर रहे हैं, जिससे उन्हें उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है। उन्हें सुविधाएं मिलें तो वो भी पदकों से देश की झोली भर सकते हैं।
एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में तलवारबाजी का प्रशिक्षण खिलाड़ियों को दिया जाता है। यहां तलवारबाजी का हाल काफी छोटा है। इसमें तलवारबाजी के लिए एक ही प्लेटफार्म है, जिस पर एक ही मैच हो सकता है। पिछले वर्ष कोरोना काल में स्टेडियम के छह माह से अधिक समय तक बंद रहने से तलवारबाजी के खिलाड़ियों के प्रशिक्षण में व्यवधान तो आया ही कोच की तैनाती भी नहीं हो सकी। इस वर्ष भी कोच की तैनाती नहीं हुई है। तलवारबाजी का हाल बंद है और खिलाड़ी घर में अभ्यास कर स्वयं को फिट रख रहे हैं। तलवारबाजी संघ के सचिव रीनेश मित्तल ने बताया कि आगरा में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले तलवारबाजी के खिलाड़ियों ने निरंतर अच्छा प्रदर्शन किया है। कोरोना काल में प्रतियोगिताएं नहीं होने से प्रभाव पड़ा है। खिलाड़ियों को चुनौतीपूर्ण माहौल नहीं मिल पा रहा है।
तकनीकी खेल में कोच जरूरी
एकलव्य स्टेडियम में तलवारबाजी की कोच रहीं भाग्यश्री सिंह का कहना है खिलाड़ियों के सही प्रशिक्षण के लिए कोचिंग स्टाफ का हाेना बहुत आवश्यक है, क्योंकि यह इंडीविजुअल और तकनीकी खेल है। वीडियो काल पर या अभ्यास की वीडियो देखकर हम खिलाड़ी की गलतियों को ही दूर करा सकते हैं। खेल में सुधार कोच ही ला सकता है। भाग्यश्री वर्ष 2018 में फिनलैंड में हुए सेटेलाइट वर्ल्ड कप, वर्ष 2019 में जार्डन में हुई एशियन जूनियर फेंसिंग चैंपियनशिप और मार्च, 2021 में फेंसिंग वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की कोच रही हैं।
डेढ़ वर्ष से घर में ही अभ्यास कर रहा हूं। कोच ने जो ट्रेनिंग दी है, उसे दाेहराता हूं। गलती होने पर कोच को वीडियो काल कर पूछता हूं। स्टेडियम में कोच हो तो अच्छा प्रशिक्षण मिल सकेगा।
-गौरव धाकरे, खिलाड़ी
स्टेडियम में कोच नहीं होने से घर में अभ्यास कर रहा हूं, लेकिन चुुनौती भरा माहौल नहीं मिल पा रहा है। इससे खेल काफी प्रभावित हो रहा है। कोच की तैनाती जल्दी होनी चाहिए।
-विशाल खंडेलवाल, खिलाड़ी
सबसे बड़ी परेशानी स्टेडियम में कोच की तैनाती नहीं होना है। जितना हो सकता है, स्वयं अभ्यास कर रहे हैं। स्टेडियम में कोच तैनात हो जाए तो अपने खेल को और बेहतर बना सकेंगे।
-आशीष कुशवाह, खिलाड़ी
स्टेडियम में कोच नहीं है और घर में जगह बहुत कम है। इसलिए फिजिकल एक्सरसाइज को रनिंग ही कर पा रहा हूं। स्टेडियम में कोच को तैनात कर दिया जाए तो खेल का स्तर सुधरेगा।
-रिजवान, खिलाड़ी