आगरा में पत्नी के Man Ki Baat जानने के लिए मायके में धरने पर बैठा पति, 36 घंटे बाद भी नहीं खुला दरवाजा
जगदीशपुरा इलाके का मामला शादी की पहली सालगिरह पर छोड़कर आई थी पत्नी। पत्नी ने दर्ज करा रखा है मुकदमा शनिवार की सुबह से धरने पर बैठा है पति। अजमेर (राजस्थान) के वैशाली नगर रहने वाले अविनाश वर्मा की शादी दो मई 2015 को हुई थी।
आगरा, अली अब्बास। पत्नी के मन की बात जानने के लिए पति ने उसके मायके में आकर घर के सामने धरना दे दिया। मगर, पत्नी और उसके मायके वाले भी टस से मस नहीं हुए। उन्होंने दामाद से बात करने के लिए 36 घंटे बाद घर के दरवाजे नहीं खोले। वहीं, पति ने भी रविवार शाम पांच बजे तक हिम्मत नहीं हारी है। उसका कहना है कि वह पत्नी से बात करके ही जाएगा। उसका कहना था कि वह पत्नी के मन की बात जाने बिना धरने से नहीं उठेगा।
अजमेर (राजस्थान) के वैशाली नगर रहने वाले अविनाश वर्मा की शादी दो मई 2015 को हुई थी। उनकी ससुराल आगरा के थाना जगदीशपुरा के सुलहकुल नगर में है। अविनाश के अनुसार वह एकाउंटेंट हैं।जबकि उनके पिता सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार हैं। अविनाश के मुताबिक शादी की पहली सालगिरह मनाने की तैयारी कर रहे थे। पत्नी दो मई 2016 की दोपहर में उनसे ब्यूटी पार्लर जाने की कहकर गई थी। काफी देर तक नहीं लौटी तो वह पत्नी को फोन किया। वह कुछ देर में लौटने की कहती रही। कई घंटे बाद पता चला कि वह ब्यूटी पार्लर के बहाने मायके के लिए रवाना हो चुकी है। वह पत्नी को मनाने के लिए उसके पीछे आगरा आ गए। ससुराल वालों ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह तीन दिन बाद उसे भेज देेंगे।
वह ससुराल वालों की बात पर भरोसा करके चले आए। कुछ दिन बाद उनके घर अजमेर पुलिस पहुंची। तब उन्हें पता चला कि पत्नी ने अपने उत्पीड़न की महिला आयोग में शिकायत की है। वहां से पति के खिलाफ जांच के निर्देश देने पर अजमेर पुलिस आई थी। अविनाश ने बताया कि इस पर उन्होंने अजमेर के न्यायालय में पत्नी के खिलाफ सेक्शन नौ में वाद दायर कर दिया। इधर, पत्नी ने भी उसके खिलाफ दहेज के लिए उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया। उसके खिलाफ भरण-पोषण का वाद दायर कर दिया। इसके बाद उसके खिलाफ अदालत से वारंट जारी करा दिया। अविनाश के अनुसार पत्नी द्वारा मुकदमा दर्ज कराने और नोटिस भेजने के चलते माता-पिता ने उन्हें अपने संपत्ति से बेदखल कर दिया। उनकी नौकरी छूट गई। अब वह पार्ट टाइम लोगों के यहां काम करके अपना खर्चा चला रहे हैं।
पत्नी उनके साथ रहना चाहती है या अलग होना चाहती है। वह उसके मन की बात जानने के लिए शनिवार की सुबह आगरा पहुंचे। पत्नी के मायके में उसके घर के सामने शनिवार की सुबह से बैठे हैं। पत्नी उन्हें आता देख एक रिश्तेदार के यहां चली गई। उसे फोन किया तो कुछ देर में आने की कहा। वह शनिवार से उनसे यही कह रही है। अब फोन उठाना बंद कर दिया। शनिवार की रात भी उन्होंने पत्नी के मायके में दरवाजे के बाहर काटी। अविनाश का कहना था कि वह पत्नी के मन की बात जाने बिना घर नहीं लौटेंगे।
मोहल्ले वाले रख रहे दामाद का ध्यान
एक ओर ससुराल वालों ने अविनाश के लिए दूसरे दिन भी दरवाजा नहीं खाेला। वहीं मोहल्ले के लोग दामाद होने के नाते उसका ध्यान रख रहे हैं। एक परिवार ने उसे पत्नी के घर के सामने बैठने के लिए कुर्सी दी। रात में सोने के लिए पलंग भी दिया। मोहल्ले वालों का कहना था कि वह उनके मोहल्ले की लड़की का पति होने के नाते यहां का दामाद है। इसलिए इतना तो करना पड़ता है।
धरने पर बैठा पति मंगा रहा आनलाइन भोजन
मोहल्ले के लोगों ने अविनाश को भोजन उपलब्ध कराने की कहा। मगर, उसने मना कर दिया। धरने पर बैठे अविनाश ने भोजन के लिए आनलाइन कंपनी का सहारा ले रहा हैं। वह धरनास्थल पर ही खाना और नाश्ता मंगाकर खा रहे हैं।