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Family Counselling: आगरा में यकीन दिलाने को पति ने हाथों में सौंपा मोबाइल, राजी होकर साथ लौटी पत्नी

Family Counselling दंपती की 20 साल पहले हुई थी शादी शराब पीकर घर आता था पति। पत्नी को शक था मोबाइल पर दूसरी महिलाओं से बात करता है पति। परिवार परामर्श केंद्र में रविवार को पांच दर्जन से ज्यादा लोगों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 02:54 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 02:54 PM (IST)
Family Counselling: आगरा में यकीन दिलाने को पति ने हाथों में सौंपा मोबाइल, राजी होकर साथ लौटी पत्नी
पत्नी को शक था मोबाइल पर दूसरी महिलाओं से बात करता है पति।

आगरा, जागरण संवाददाता। वादा करता हूं शराब अब कभी-कभार घर के बाहर ही पिया करूंगा। झगड़े और शक की जड़ बना यह मोबाइल भी अब तुम्हारे पास रहेगा। परिवार परामर्श केंद्र में रविवार को काउंसलिंग के लिए पहुंचे पति ने पत्नी से ये वादा किया। अपना मोबाइल पत्नी के हाथों में अपना मोबाइल दिया तो वह मान गई। पति के साथ घर चली गई।

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परिवार परामर्श केंद्र में रविवार को प्रौढ़ दंपती का मामला पहुंचा। दंपती की शादी 21 साल पहले हुई थी।उनके बच्चे भी हैं। पत्नी का आरोप था कि कुछ साल से पति को शराब पीने की लत पड़ गई। उसने घर में ही नशा करना शुरू कर दिया। पत्नी ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन पति में कोई सुधार नहीं हुआ। करीब एक साल से पति ने देर रात तक मोबाइल पर घंटों समय बिताना शुरू कर दिया। वह लगातार किसी से चैटिंग करता था।

पत्नी ने एक दिन पति का मोबाइल में वाट्सएप चैटिंग चेक की। इसमें उसे कुछ महिलाओं की चैटिंग थी। जिससे पत्नी का शक पुख्ता हो गया। लगातार समझाने के बाद भी पति ने चैटिंग बंद नहीं। जिस पर लगभग पांच महीने पहले पति को छोड़कर मायके चली आई। उसके खिलाफ मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न का अारोप लगाया। मामला परिवार परामर्श केंद्र भेजा गया था। दंपती को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था।

यहां पर पति ने पत्नी के सामने वादा किया कि वह शराब नहीं पियेगा। यदि कभी ऐसी स्थिति आई भी तो घर से बाहर पियेगा। यही नहीं उसने अपना मोबाइल भी पत्नी को दे दिया। किसी से बात भी करनी होगी तो वह उसके सामने करेगा।

दस जोड़ों में सुलह, 6 में मुकदमे के आदेश

परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी कमर सुल्ताना ने बताया रविवार को पांच दर्जन से ज्यादा लोगों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था।

काउंसलिंग के बाद 10 जोड़ो में सुलह हो गई। जबकि तीन तारीखों के बाद भी नहीं आने पर छह मामलों में मुकदमे के आदेश किए गए हैं। वहीं, दोनों पक्ष के नहीं आने पर 30 फाइलें बंद की गईं। 


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