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मोहब्बत के शहर में मूर्खों के नाम पर सम्मान

संस्कार भारती के महामूर्ख सम्मेलन में कांव-कांव ने किया लोट-पोट सम्मेलन में आगरा को मूर्खों का शहर घोषित करने की मांग की गई

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 05:05 AM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 05:05 AM (IST)
मोहब्बत के शहर में मूर्खों के नाम पर सम्मान
मोहब्बत के शहर में मूर्खों के नाम पर सम्मान

आगरा, जागरण संवाददाता। मोहब्बत के शहर में रविवार को मूर्खों के नाम पर सम्मान मिले। मूर्खाधिराज, मूर्ख शिरोमणि, काग शिरोमणि और मूर्ख मणिरत्न की उपाधियां दी गईं। लोगों ने कांव-कांव कर लोट-पोट किया। ताजनगरी को मूर्खों का ऐतिहासिक शहर घोषित करने व मूर्खानंद विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग की गई।

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संस्कार भारती की रामबाग शाखा द्वारा महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन रविवार को यमुना ब्रिज स्थित श्यामलाल सरस्वती विद्या मंदिर में किया गया। शुभारंभ गर्दभ देव के पूजन से हुआ। गर्दभ देव की स्तुति ओम जय गर्दभ देवा.. की गई। संगीतज्ञ डा. सदानंद ब्रह्मभट्ट को मूर्खाधिराज, रंगकर्मी अनिल जैन को मूर्ख शिरोमणि, गायक नीरज शर्मा को काग शिरोमणि, कवि भूषण रागी को मूर्ख मणिरत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल रहे। संचालन संस्कर भारती के अखिल भारतीय साहित्य प्रमुख राजबहादुर सिंह राज ने किया और अध्यक्षता रामअवतार ने की। समारोह में होली, ख्यालगोई, नुक्कड़ नाटक, नौटंकी, लोकगीत, कविताओं की प्रस्तुति हुई। डा. पंकज नगायच, सुभाष अग्रवाल, अजय अवस्थी, मलखान सिंह तोमर, राजेंद्र प्रसाद गोयल, नूतन अग्रवाल, यशोधरा यश, रूपा गुप्ता, राजीव शर्मा, दिगंबर सिंह धाकरे आदि मौजूद रहे। रंगोत्सव में होगी रंगलीला की भगत संगत कीजे साधु की

आगरा, जागरण संवाददाता। बरसाना में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा कराए जा रहे रंगोत्सव में सोमवार को रंगलीला द्वारा भगत संगत कीजे साधु की प्रस्तुति दी जाएगी। रविवार को छिली ईंट रोड स्थित विधवा आश्रम में भगत की कास्ट्यूम ग्रैंड रिहर्सल हुई। कोरोना काल में एक वर्ष से खामोश रही लोकनाट्य भगत को देखना शहरवासियों के लिए शानदार अनुभव रहा।

खलीफा फूलसिंह यादव की रचना भगत 'संगत कीजे साधु की' की परिकल्पना और निर्देशन अनिल शुक्ल का रहा। इसमें दिखाया गया कि आज के बाजार में जब मनुष्य सिर्फ अपना-अपना अर्जित करने में लगा हो, तब कोई साधु किसी नई पीढ़ी के किशोर को समाज की सेवा करने का मंत्र देकर उसके जीवन का लक्ष्य दीन-दु:खियों की सेवा के लिए मोड़ दे तो यह एक अनूठी घटना बन जाती है। संगीत निर्देशन गोपाल शर्मा का है। कलाकारों में खलीफा पतोला राम, खलीफा लक्ष्मण सिंह, खलीफा राकेश यादव, योगेंद्र दुबे, कोमल गुप्ता, आदित्य कुमार और तनिष्का हैं। संगीत पक्ष में ढोलक पर यशपाल सिंह, नगाड़े पर फिरोज खान, कटोरी पर ऋत्विक शर्मा रहे। अखिलेश श्रोत्रिय, अमीर अहमद जाफरी, डा. मधुरिमा शर्मा, डा. ब्रजेंद्र सिंह, रमेश पंडित, शरद यादव, मनोज पंडित मौजूद रहे। संचालन हिमानी चतुर्वेदी ने किया।


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