Home Gardening: कोरोना काल में बढ़ा हेल्दी रहने का क्रेज, घर पर ही बना लिया किचन गार्डन
Kitchen Garden बागवानी के शौक ने नर्सरियों में बढ़ाए ग्राहक- इंडोर प्लांट की मांग ज्यादा छतों पर बने किचन गार्डन। शहर में 400 से ज्यादा छोटी-बड़ी नर्सरियां हैं। सबसे ज्यादा नर्सरियां यमुना पार इलाके में हैं। अनलॉक होते ही लोगों ने नर्सरियों की तरफ रुख किया।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में निराशा से निकलने के लिए अपने शौकों की तरफ लोगों ने रुख किया। इसी दौरान बागवानी के शौक ने ईंट-सीमेंट के घरों में हरियाली के रंग भी बिखेरे। फ्लैट की बालकनियों में रंग-बिरंगे गमले सजे तो घरों की छतों पर किचन गार्डन की रंगत बिखरी।
नर्सरियों में बढ़ गए ग्राहक
शहर में 400 से ज्यादा छोटी-बड़ी नर्सरियां हैं। सबसे ज्यादा नर्सरियां यमुना पार इलाके में हैं। लॉकडाउन में तो सब कुछ बंद था, लेकिन अनलॉक होते ही लोगों ने नर्सरियों की तरफ रुख किया। नर्सरी संचालक राहुल कुमार ने बताया कि पहले हमारे बंधे ग्राहक थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद कई नए ग्राहक आए हैं। नए ग्राहकों की संख्या में 20 से 30 फीसद की वृद्धि हुई है।
इंडोर प्लांट की ज्यादा मांग
फ्लैटों में रहने वालों के पास जगह की कमी होती है, वे सिर्फ अपनी बालकनी में ही हरियाली देख सकते हैं। इसीलिए इंडोर प्लांट की मांग ज्यादा है। स्नेक प्लांट, मनी प्लांट, बैंबू, पीस लिली, कामिनी, रबर प्लांट, फर्न, ग्रेप आइवी पौधे हर नर्सरी में सबसे ज्यादा बिक रहे हैं। नर्सरी संचालक मुश्ताक ने बताया कि इंडोर प्लांट की देखरेख आसान होती है। इन्हें धूप की जरूरत नहीं होती, इसलिए लोग इन्हें खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे है। इंडोर प्लांट की कीमत 100 रुपये से शुरू होती है।
किचन गार्डन बने पसंदीदा
घरों की छतों पर ग्रो पैक में सबि्जयां उगाना इस समय सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है।महिलाएं गमलों में भी धनिया, भिंडी, बैंगन, पालक आदि उगा रही हैं। दयालबाग की विनीता मित्तल को शुरू से बागवानी का शौक था, लॉक डाउन में उन्होंने अपने समय का सदुपयोग घर की छत पर किचन गार्डन तैयार कर किया।इस समय उनकी छत पर कई तरह की सबि्जयां उग रही हैं। इसी तरह रेनू मुस्कान ने भी अपने घर की छत को किचन गार्डन में बदल दिया है।वो अपनी छत पर भुट्टे तक उगा रही हैं।