National Sports Day:आगरा में रहा है हॉकी का स्वर्णिम इतिहास, युवा संभाल रहे भविष्य का दारोमदार
National Sports Day क्या फिर बदलेंगे दिन हॉकी के। अभावों में भी आगरा के कई युवा कर रहे हैं जोरदार प्रयास।
आगरा, संदीप शर्मा। कभी शहर के स्कूल-कॉलेज में हॉकी का जलवा था। सेंट पीटर्स, आरबीएस कॉलेज, एनसी वैदिक, जीआइसी, आगरा कॉलेज, सेंट जोंस कॉलेज में शानदार हॉकी खेली जाती थी। आगरा कॉलेज मैदान पर होने वाले मैच देखने सकड़ तक लोगों की भीड़ जुटती थी। सही मायनों में असली हॉकी तभी जी जाती है। लेकिन वक्त ने करवट ली और कॉलेजों की हॉकी कागजों पर सिमट गई। स्कूलों में ग्राउंड खत्म होते चले गए और वहां भी इसका बुरा दौर शुरू हो गया। अब हाल यह है कि संसाधनों के अभाव में कुछ ही स्कूलों में यह खेल खेला जाता है। फिर भी शहर के युवा इस राष्ट्रीय खेल को अपने दम पर जिंदा रखने की जद्दोजहद में जुटे हैं।
शहर में आजकल हॉकी का यही हाल है। आगरा कॉलेज, सेंट जोंस और आरबीएस आदि डिग्री कॉलेज में यह खेल नहीं खेला जा रहा। स्कूलों में सिर्फ डीबी संतोष सिंह खालसा, एमडी जैन, पुलिस मॉर्डन स्कूल, सेंट एंड्रूज, डीपीएस, बैनी सिंह वैदिक व कैंट इंटर कॉलेज आदि ही सक्रिय रूप से खेलते हैं। हालांकि शहर से 90 के दशक में कई खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचें, लेकिन अब सीधे आगरा से कोई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर तक पर पिछले कई सालों से नहीं पहुंच पाया। जो पहुंचे उन्हें आगरा छोड़कर दूसरे राज्यों का सहारा लेना पड़ा, क्योंकि यहां खेल को लेकर सिर्फ औपचारिकता शेष है।
गिरते खेल स्तर की वजह
- कोच और जगह की कमी। स्कूलों में ग्राउंड नहीं बचे, स्टेडियम तक सभी बच्चों की पहुंच नहीं हो पाती।
- 25 साल से शहर को एक भी स्थाई कोच नहीं मिला। स्टेडियम में आज भी संविदा पर नियुक्ति कोच ही प्रशिक्षण देते हैं।
- शहर में एकमात्र एक्ट्रोटर्फ है, जो पिछले दो साल पहले बना। यह भी फाइव ए साइज है, जिस पर सिर्फ पांच प्लेयर्स के साथ मैच संभव है।
- खेल महंगा होने के कारण हर छात्र की पहुंच नहीं।
- ऑल इंडिया स्तर पर होने वाली मेजर ध्यानचंद हॉकी टूर्नामेंट आयोजन बंद होना।
- स्कूलों में भी खेलों पर ध्यान देना हुआ कम।
इन युवाओं पर है दारोमदार
- उपासना सिंह, हॉकी सीनियर नेशनल मेडलिस्ट जूनियर नेशनल गोल्ड खेलो इंडिया। वर्तमान में बीना में ओमान रिफाइनरी में कार्यरत।
- भूमि कुमारी, सेंट्रल कोचिंग कैंप 2020 में चयनित। आगरा कैंट स्कूल की पूर्व छात्रा।
- मनीष प्रजापति, खालसा इंटर कॉलेज के पूर्व छात्र, वर्तमान में नेहरु हॉकी नेशनल गेम्स दिल्ली।
- कुनाल पाल, राज्य स्तरीय सब जूनियर व सीनियर हॉकी प्रतियोगिता में प्रतिभाग।
- अभिषेक कुमार, राज्य स्तरीय सब जूनियर व सीनियर हॉकी प्रतियोगिता।
- राहुल त्यागी, अमित सक्सैना, कुनाल पाल आदि।
होते थे बड़े टूर्नामेंट
- एमडी जैन इंटर कॉलेज पीटीआइ रीनेश मित्तल ने बताया कि 1980 से 90 का दशक शहर में हॉकी के लिए स्वर्णिम रहा। तब सालाना ऑल इंडिया मेजर ध्यानचंद हॉकी टूर्नामेंट होता था। इंडियन एयरलाइंस, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूपी हॉस्टल, नामधारी एकादश जैसी प्रमुख टीमें शामिल होती थीं। देश के बड़े खिलाड़ी रहे जफर इकबाल, एमपी सिंह, परगट सिंह, जगवीर सिंह आदि ने इसमें शिरकत की। खुद मेजर ध्यानचंद ने भी तीन से चार बार यहां आकर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया था। शहर ने हॉकी का स्वर्णिम दौर देखा है। स्कूल और डिग्री कॉलेज में शानदार हॉकी होती थी, जिसे देखकर बड़े हुए। अब टीम भी मुश्किल से बनती है। हॉकी के लिए फिर से उत्साह का संचार जरूरी है।