हिमालय हिंद महासागर राष्ट्र समूह के विशेषज्ञ ताजनगरी में कर रहे मंथन
International Seminar आगरा में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की हुई शुरुआत। आफलाइन एवं आनलाइन माध्यम से होंगे व्याख्यान। शमसाबाद रोड स्थित द सेनाभ्यास एजूकेशनल सेंटर में प्रथम सत्र चल रहा है। नेपाल भूटान सीरिया के प्रतिनिधि मौजूद हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। हिमालय हिंद महासागर राष्ट्र समूह के अंतरराष्ट्रीय आनलाइन, आफलाइन सम्मेलन का द सेनाभ्यास एजुकेशनल सेंटर, शमसाबाद रोड पर शुक्रवार को प्रथम सत्र का उद्घाटन हो गया है। इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा कि चीन मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। वह हिंद महासागर पर कब्जा कर अपनी विस्तारवादी नीति से विश्व में धाक जमाना चाहता है। राष्ट्र समूह के देशों को चीन से सतर्क रहना होगा। दिल्ली में हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर अराजकता फैलाना गलत है। जो लोग ऐसे लोगों का समर्थन कर रहे हैं, जनता भी उनके विरुद्ध हो गई है।
राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच द्वारा हिमालय हिंद महासागर राष्ट्र समूह की दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की शुरुआत शुक्रवार से हो गई है। सेमिनार में राष्ट्र समूह के प्रतिनिधि आनलाइन और आफलाइन माध्यम से संस्कृति, शिक्षा, चिकित्सा और दूसरे माध्यम से व्याख्यान दिये। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री गोलोक बिहारी ने कहा कि भारत का गौरव विश्व पटल पर तेजी से बढ़ रहा है। भारत के लोग शांति, संस्कृति, व्यापार एवं तकनीक से समृद्ध रहे हैं। इसके बाद भी विस्तारवादी नीति नहीं अपनाई। भारतीयों ने हमेशा संस्कृति, व्यापार से दूसरे देशों से अपने रिश्ते जोड़े हैं। आने वाले समय में विश्व की महाशक्तियां भारत के प्रभुत्व को नकार नहीं पाएंगी। राष्ट्रीय मंत्री रजनीश त्यागी ने बताया कि राष्ट्र समूह देशों से भारत के चिकित्सा और शिक्षा के माध्यम से बेहतर रिश्ते जुड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक साझीदारी के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें आनलाइन, आफलाइन दोनों माध्यम अपनाए जा रहे हैं। नेपाल, भूटान, सीरिया के प्रतिनिधि मौजूद हैं, जबकि अन्य देशों के साथ वर्चुअल संवाद होगा। इस दौरान मंच के मागदर्शक इंद्रेश, राष्ट्रीय अध्यक्ष लेफ्टीनेंट जर्नरल आरएन सिंह, मंच के आगरा चैप्टर के संरक्षक बिग्रेडियर मनोज कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविंद्र पाल सिंह टिम्मा आदि मौजूद थे।