कहीं आपका बच्चा भी तो शौकीन नहीं फास्ट फूड का? दिल का मरीज न बन जाए, जानिए क्यों
बर्गर से लेकर चिप्स तक में मौजूद होता है ट्रांस फैट। खून के थक्के जमना और गाढ़ेपन की होती समस्या।
आगरा, अजय दुबे। बदली जीवनशैली में खानपान भी तेजी से बदला है। फास्टफूड युवाओं की दिनचर्या में शामिल हो गया है। यह उन्हें दिल का मरीज बना रहा है। इसमें ट्रांसफैट को डॉक्टर बड़ा खतरा मानते हैं।
फास्ट फूड में पाए जाने वाला ट्रांसफैट दिल को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रजनीश मल्होत्रा बताते हैं कि ट्रांसफैट की मात्रा ज्यादा होने के कारण युवा दिल के रोगी बन रहे हैं। बाजार में बिकने वाले चिप्स या बिस्कुट से लेकर अन्य तमाम खाद्य वस्तुओं में ट्रांसफैट की मौजूदगी रक्त धमनियों में ब्लॉकेज और हार्ट सर्जरी तक पहुंचा रही है। बाजार में मिलने वाली चाट, छोले-भटूरे को ट्रांसफैट युक्त तेल में बनाया जाता है। मक्खन में काफी ज्यादा ट्रांस फैट होता है। उन्होंने बताया कि ट्रांसफैट ऐसा तत्व है जो शरीर में जाकर पाचन तंत्र के नियंत्रण में नहीं रहता। इसके कारण रक्त के थक्के जमने का डर रहता है।
शहरों में ज्यादा है ट्रांस फैट
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप सेठ के मुताबिक बड़े शहरों में ट्रांसफैट का चलन अत्यधिक है। जबकि छोटे शहरों में ये पैकेट बंद चिप्स या बिस्कुट तक ही सीमित है।
2022 तक खाद्य पदार्थों में नहीं होगा ये तत्व
डब्ल्यूएचओ की अपील के बाद सरकार वर्ष 2022 तक खाद्य पदार्थों से ट्रांस फैट खत्म करने पर जोर दे रही है। अभी ज्यादातर उत्पादों में इसकी मात्रा दो फीसद तक है। ट्रांस फैट कार्डियोवास्कुलर बीमारियों का मुख्य कारण है। इसलिए इसे जल्द हटाने और लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू किया जा रहा है।