यहां तो पांच हजार प्लाट बन गए डलावघर
हर दिन फेंका जाता है कूड़ा नगर निगम में सप्ताह में पहुंचती हैं पांच से सात शिकायतें प्लाट स्वामी नहीं देते हैं ध्यान 60 फीसद प्लाट में नहीं है बाउंड्रीवाल
आगरा, जागरण संवाददाता। नगर निगम के अफसरों की लचर कार्यशैली के चलते शहर के पांच हजार प्लाट डलावघर बन गए हैं। इन प्लाटों में हर दिन 10 किग्रा से लेकर 30 किग्रा तक कूड़ा फेंका जाता है। इससे कूड़े के ढेर लग गए हैं। निगम कार्यालय में सप्ताह में पांच से सात शिकायतें पहुंचती हैं। निगम के अलावा प्लाट स्वामी भी ध्यान नहीं देते हैं। 60 फीसद प्लाट में बाउंड्रीवाल नहीं बनी है।
नगर निगम एक नजर में
नगर निगम के सौ वार्डों में पांच हजार मुहल्ले हैं।
पांच हजार मुहल्लों में 3.15 लाख भवन स्वामी हैं जिनमें 35 हजार व्यावसायिक भवन हैं।
हर दिन 750 टन कूड़ा निकलता है। 400 टन सूखा और 350 टन गीला कूड़ा शामिल है।
कूड़ा उठान के लिए 300 वाहन हैं।
200 अस्थायी और 125 स्थायी डलावघर हैं। यह है नियम : अगर दस साल तक किसी प्लाट में कोई निर्माण नहीं होता है तो ऐसे में आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) द्वारा उस प्लाट का आवंटन निरस्त किया जा सकता है। बशर्ते उक्त प्लाट एडीए का होना चाहिए। वहीं अगर बाउंड्रीवाल नहीं कराई जाती है तो कार्रवाई की जा सकती है।
विद्या नगर और जगदंबा रोड में डेढ़ दर्जन प्लाट हैं। इन प्लाट में कई साल से कूड़ा फेंका जा रहा है। इससे गंदगी फैली रहती है।
मिथलेश देवी, पार्षद वार्ड 28 क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक प्लाट हैं। प्लाटों को डलावघर के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। इसकी शिकायत नगर निगम के अफसरों से की जा चुकी है।
होरी लाल, पार्षद वार्ड 83 आजमपाड़ा सहित अन्य क्षेत्रों में 27 से अधिक प्लाट हैं, जिन्हें लंबे समय से डलावघर के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। प्लाट में जल निकासी का भी समुचित इंतजाम नहीं है।
राहुल चौधरी, पार्षद वार्ड 41
प्लाटों में कूड़ा पड़ा होने की लगातार शिकायतें मिलती हैं। इनकी सफाई भी कराई जाती है। नियमानुसार प्लाट में कूड़ा नहीं फेंकना चाहिए। प्लाट स्वामी को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए।
निखिल टीकाराम, नगरायुक्त