Heavy Damage by Rain: एक घंटे में ही तूफान बदल गया ताजनगरी का हुलिया
Heavy Damage by Rain 124 किमी की रफ्तार से आया तूफान मौसम विभाग के मॉनीटरिंग सिस्टम का संपर्क तक टूटा। 28 एमएम बारिश।
आगरा, जागरण संवाददाता। तूफान, बारिश और ओले से शुक्रवार को तबाही मच गई, बादलों की गडगडाहट से लोग सहम गए। करीब 50 मिनट तक आंधी तूफान और बारिश ने कहर बरपाया, पेड टूट कर गिर गए। शहर और देहात में बिजली के खंभे टूट गए। बिजली ठप होने से शहर में अंधेरा छा गया।
शुक्रवार दोपहर में बादल छा गए थे। इससे गर्मी से राहत मिली। रात सात बजे तेज हवा चलने लगी, 7: 10 बजे आंधी के बाद तूफान और बारिश ने तबाही मचाई। पेड टूटकर गिरने लगे, बादलों की गडगडाहट के साथ तेज बारिश और ओले पडे। तूफान की अधिकतम रफ्तार रात 7: 30 बजे 124 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई। इससे पेड और विद्युत खंभे टूट कर गिर गए।
मकानों की टीन शेड उड गईं, बारिश भी तेज होती गई। इसके बाद रफ्तार कुछ कम हुई, रात 7: 55 बजे तक बारिश होती रही। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि तूफान की अधिकतम रफ्तार 124 किलोमीटर से भी अधिक हो सकती है।
वहीं, रात 7: 30 बजे तक बारिश 28 एमएम हुई है। मौसम विभाग के मॉनीटरिंग सिस्टम का संपर्क भी रात 7: 30 बजे टूट गया। ऐसे में तूफान की रफ्तार और बारिश का सटीक आकलन शनिवार को हो सकेगा।
सामान्य से तीन डिग्री नीचे पहुंचा तापमान, चार जून तक आंधी और बारिश
पिछले पांच दिनों से लू और गर्मी से बेहाल लोगों को शुक्रवार को राहत मिली। बादल छाने से अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 37.1 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 25.5 डिग्री रहा। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि शनिवार को भी आंधी के साथ बारिश आ सकती है। 31 मई को भी बारिश की संभावना है, एक और दो जून को बादल छाए रह सकते हैं। तीन और चार जून को आंधी के साथ बारिश हो सकती है।
दो साल पहले मई में 132 किलोमीटर की रफ्तार से आए वबंडर से हुई थी मौतें
तूफान और बारिश ने दो मई 2018 के दर्दनाक मंजर याद आ गया, उस समय बवंडर आया था, 24 घंटे में 49 लोगों की मौत हो गई थी, कई गांवों में मकान ध्वस्त हो गए थे, लोग मलबे में दब गए थे। 100 से अधिक लोग घायल हुए थे, पशुओं की भी मौत हुई थी। इस बार भी तूफान की रफ्तार 132 किलोमीटर तक पहुंचने की आशंका है।
पहाडी क्षेत्रों से ठंडी, राजस्थान से गर्म हवा चलने से आया तूफान
दयालबाग शिक्षक संस्थान के पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ रंजीत कुमार ने बताया कि पहाडी क्षेत्रों से ठंडी हवा चल रही है। वहीं, राजस्थान की तरफ से गर्म हवा चल रही हैं। इन दोनों हवाओं के यहां पहुंचने से हलचल हुई, इससे तूफान आने के साथ बारिश संग ओले भी पडे हैं। आने वाले दिनों में भी इस तरह का तूफान आ सकता है।
देहात में इंसानों से लेकर पक्षियों तक पर बरपा तूफान का कहर
शमशाबाद, फतेहाबाद, बाह, पिनाहट, यमुना पार आदि क्षेत्रों में आंधी, बारिश और ओलों ने खेत में खड़ी खीरा, ककड़ी, काशीफल, लौकी आदि की फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया। शमसाबाद में लगातार 20 मिनट तक आसमान में तेज बिजली कड़कती रही। तेज आंधी के चलतेे कई जगह पेड गिरने से विद्युतापूर्ति देर रात तक ठप रही। रामबाग क्षेत्र में गुरुवार की शाम अचानक आंधी और तूफान के साथ आई तेज बारिश ने क्षेत्र के कई इलाकों में तबाही मचा दी । इस आंधी और तूफान में नुनिहाइ रोड पर एक भीषण वृक्ष गिरने से घाट पर जाने वाला मार्ग अवरुद्ध हो गया। वहीं घाट पर बनी चुंगी पर घर के अंदर लगा नीम का वृक्ष गिरने से आजाद पुत्र स्वर्गीय इमरान खान का बाहर का कमरा भी धराशाई हो गया। बाह क्षेत्र में ओले गिरने से सैंकड़ों पक्षियों की मौत हो गई।
बाजार हुआ जलमग्न
बिजली घर शिवाजी मार्केट, सुभाष बाजार के आसपास के सभी व्यापारियों पर लॉकडाउन की बंदी के बीच बारिश का कहर मुसीबत बनकर टूटा है। थोड़ी देर के तूफान के कारण यहां की दुकानें जलमग्न हो गईं। लॉकडाउन के कारण दो माह से बंद पड़ी दुकानों के अंदर पानी घुसने से लाखों के माल के नुकसान की आशंका है। टीएन अग्रवाल, श्याम भोजवानी, जय पुरषनानी, अखलेश गुप्ता, गंगाराम गंगरानी, मुकेश फतहपुुरिया, राजकुमार भाटिया, कुंदन लाल सहगल, राकेश पूरी, श्याम पेन्गोरिया, भगवान राठौर, गुरमीत सिंह लुथरा, आजाद जैन आदि ने लॉकडाउन में दुकानें खोलकर माल का रखरखाव करने और नगर निगम को नाले की सफाई के निर्देश देने की जिलाधिकारी से अपील की है।