बेहद खास होगा प्रकाशोत्सव, फैलेगा आस्था का उजाला, डेढ़ लाख से ज्यादा लोग करेंगे लंगर
नगर कीर्तन और कीर्तन दरबार से संचारित होगी गुरबानी गुरुद्वारे होंगे रोशन आतिशबाजी से चमकेगा आसमान
आगरा, जागरण संवाददाता। श्री गुरु नानक देव का 550 साला प्रकाशोत्सव बेहद खास होगा। आस्था का उजाला फैलेगा। इस दिन को खास बनाने के लिए हर धर्म के लोग सहयोग देने के लिए तैयार है। गुरुद्वारों में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। नगर कीर्तन से लेकर कीर्तन दरबार तक सजेंगे।
गुरुद्वारा के मीडिया समन्वयक मास्टर गुरनाम सिंह ने बताया कि जयंती वाले दिन डेढ़ लाख लोगों के आने की उम्मीद कर रहे हैं। हाइवे पर होने के कारण गुरुद्वारा गुरु का ताल पर बाकी शहरों से आने वाले नगर कीर्तन रूकते हैं। अब तक लगभग 25 नगर कीर्तन यहां रुक चुके हैं। गुरु नानक देव जयंती तक 50 नगर कीर्तन आने की संभावना है। पिछले दिनों गुरु गोविंद सिंह जी के 350 साला प्रकाश पर्व पर आई यात्रा का स्वागत शहर में हर धर्म ने किया था। अब गुरु नानक देव जयंती के लिए भी सभी एकजुट हो अपना सहयोग देने को तैयार हैं। मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी ने बताया कि गुरु नानक देव जयंती के लिए हम पूरा सहयोग देने के लिए तैयार हैं। ताजनगरी में पड़े थे नानक देव के कदम
इस बार 12 नवंबर को गुरु नानक जयंती बहुत खास है। यह साल गुरु नानक देव के 550 साल पूरे हो रहे हैं। गुरुद्वारों में खास तैयारियां हो रही हैं। ताजनगरी में गुरु नानक देव के कदम भी पड़े हैं, इसलिए यह दिन शहर के सिख समाज के लिए काफी महत्व रखता है। सजेंगे गुरुद्वारे, होगी आतिशबाजी
शहर के प्रमुख गुरुद्वारों में गुरु का ताल, गुरुद्वारा माईथान, गुरुद्वारा हाथीघाट, गुरुद्वारा दुखनिवारण, नया बांस लोहामंडी, गुरुद्वारा ईदगाह और गुरुद्वारा गुरु का बाग, मधुनगर, गुरुद्वारा दमदमा साहिब प्रमुख हैं। गुरु नानक देव जयंती के लिए इन गुरुद्वारों को खास तरह से सजाया जाएगा। गुरुद्वारा गुरु का ताल में खास तरह की लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है। रात में आतिशबाजी भी होगी। गुरुद्वारा माईथान में नौ फुट ऊंची पालकी तैयार की गई है। पीलू के पेड़ के नीचे बैठे थे गुरू नानक देव
गुरुद्वारा दुखनिवारण में गुरुनानक देव पीलू के पेड़ के नीचे बैठे थे। यहां वे दक्षिण की उदासी के समय अपनी यात्रा के दौरान तीन दिन रूके थे। गुरुद्वारा माईथान में सिखों के नौवें गुरु गुरु तेगबहादुर पटना जाते समय रूके थे। सिखों के चौथे गुरु रामदास जी भी यहां रूके थे। गुरुद्वारा दमदमा साहिब में गुरु हरगोविंद सिंह जी शिकार के बाद रूके थे। गुरुद्वारा गुरु का ताल में गुरु तेगबहादुर भाई मती दास, भाई सती दास, भाई दयाला जी के साथ रूके थे।
गुरुद्वारा गुरु का ताल में तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। डेढ़ लाख लोगों की लंगर की व्यवस्था से लेकर लोगों की रूकने की व्यवस्था तक की जाएगी। - संत बाबा प्रीतम सिंह, गुरुद्वारा गुरु का ताल गुरुद्वारा नया बांस पर गुरु नानक देव जी के चरण पड़े थे। हमने मेयर नवीन जैन को पत्र लिखा है कि वे लोहामंडी पर गुरुनानक देव द्वार बनाने के प्रस्ताव को स्वीकृत कराएं।
- बंटी ग्रोवर, सेक्रेटरी, गुरुद्वारा नया बांस गुरुद्वारा माईथान में कीर्तन दरबार सजेगा। रागी जत्थे गुरु नानक देव की गुरबानी का संचार करेंगे। शाम को आतिशबाजी होगी।
- कंवलदीप सिंह, प्रबंधक, गुरुद्वारा माईथान