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Gupt Navratri 2021: गुप्त नवरात्रि आज से शुरू, नौ दिन तक इन गलतियों को करने से बचें

Gupt Navratri 2021 आज से नौ दिन तक की जाएगी माता की गुप्त आराधना। तंत्र मंत्र साधक करते हैं गुप्त नवरात्रि में विशेष पूजा। क्रोध हत्या मांस आदि के सेवन से करना चाहिए परहेज। बंद कमरे में करनी चाहिए माता की इन दिनों पूजा।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 09:41 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 09:41 AM (IST)
Gupt Navratri 2021: गुप्त नवरात्रि आज से शुरू, नौ दिन तक इन गलतियों को करने से बचें
12 फरवरी से 21 फरवरी तक की जाएगी गुप्त नवरात्रि की पूजा।

आगरा, जागरण संवाददाता। देवी दुर्गा की पूजा, भक्ति और सिद्ध शक्तियों की प्राप्ति के लिए नवरात्रि सबसे उत्तम दिन होते हैं। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि आती हैं। चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक दो प्रकट नवरात्रि होती हैं और माघ व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। गुप्त नवरात्रि भी प्रकट नवरात्रि की तरह ही सिद्धिदायक होती हैं, बल्कि ये प्रकट से भी ज्यादा प्रबल होती हैं। गुप्त नवरात्रियां सिद्ध शक्तियां प्राप्त करने के लिए तांत्रिकों, शाक्तों के लिए सबसे सिद्ध दिन होते हैं। माघ माह की गुप्त नवरात्रि आज यानि 12 फरवरी 21 फरवरी तक है। इस बार षष्ठी तिथि की वृद्धि होने से नवरात्रि 10 दिन की रहेगी। 

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बदलेंगे ग्रह चाल

पंडित वैभव के अनुसार इस बार गुप्त नवरात्रि में अनेक ग्रहों की स्थितियां बदलेंगी। नवरात्रि के पहले दिन 12 फरवरी को सूर्य कुंभ राशि में गोचर करेंगे और इसी दिन गुरु पूर्व दिशा में उदय होंगे। दूसरे दिन 13 फरवरी को पूर्व में शुक्र अस्त हो जाएगा। इसके बाद 15 फरवरी को बुध पश्चिम में उदय होगा। इसके बाद 20 फरवरी को शुक्र कुंभ राशि में प्रवेश करेगा वहीं 21 फरवरी नवरात्रि के अंतिम दिन मंगल वृषभ में गोचर करेगा और बुध मार्गी हो जाएगा।

ये हैं नवरात्रि की तिथियां और विशिष्ट संयोग 

12 फरवरी- प्रतिपदा- गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, घट स्थापना, मां शैलपुत्री पूजन

13 फरवरी- द्वितीया- चंद्रदर्शन, मां ब्रह्मचारिणी पूजन

14 फरवरी- गौरी तृतीया- मां चंद्रघंटा पूजा, सर्वार्थसिद्धि सायं 4.23 से दूसरे दिन सूर्योदय तक, रवियोग सायं 4.23 से

15 फरवरी- मां कुष्मांडा पूजन, वरदतिलकुंद चतुर्थी, विनायक चतुर्थी, रवियोग सूर्योदय से सायं 6.28 तक

16 फरवरी- मां स्कंदमाता पूजन वसंत पंचमी, सरस्वती पूजन, खटवांग जयंती, पंचक प्रारंभ रात्रि 8.55 से

17 फरवरी- ----- महापात दोष ----- षष्ठी तिथि वृद्धि

18 फरवरी- षष्ठी, मां कात्यायनी पूजन, वसंत ऋतु प्रारंभ

19 फरवरी- मां कालरात्रि पूजन, रथ आरोग्य सप्तमी, नर्मदा जयंती

20 फरवरी- मां महागौरी पूजन, दुर्गा अष्टमी

21 फरवरी- नवमी, मां सिद्धिदात्री पूजन, गुप्त नवरात्रि पूर्ण

गुप्त नवरात्रि पूजा के दौरान न करें ये गलतियां

- गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने वाले व्यक्ति को चमड़े से बनी किसी भी वस्तु का भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। साथ ही काले रंग के कपड़े भी नहीं पहनने चाहिए।

- गुप्त नवरात्रि के दिनों में किसी पशु या जीव-जंतु को न मारें और ना ही उन्हें सताएं। साथ ही इस दौरान मांस-मदिरा आदि का सेवन ना करें, लहसुन-प्याज वाला भोजन खाने से बचें। ऐसा करने से से भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

- गुप्त नवरात्रि के दौरान गुस्सा करने से बचें और ना किसी को अपशब्द न बोलें। घर में झगड़ा या क्लेश करने से भी बचें. कहते हैं ऐसा करने से घर में बरकत नहीं होती।

- नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का बहुत अधिक महत्व है इसलिए भूलकर इस दौरान किसी कन्या का अपमान न करें, उसे मारे नहीं और ना ही कोई कष्ट दें।

− इसके अलावा गुप्त नवरात्रि के दौरान बाल कटवाना, दाढ़ी बनवाना या नाखून काटना भी अशुभ माना जाता है. इसलिए इन 9 दिनों में ये सारे काम करने से भी बचें।

- गुप्त नवरात्रि के दौरान जहां तक संभव हो मां दुर्गा की पूजा बिना किसी को बताए बंद कमरे में करें ताकि पूजा करते समय कोई आपको न देखे। खुले स्थान पर पूजा करने से इसका बेहतर फल नहीं मिलता है।

− दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है।


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