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Gun Shot on the Road Case: प्रोफेसर पर हमले का पर्दाफाश, पर पुलिस की कहानी खड़े कर रही सवाल

Gun Shot on the Road Case शूटर समेत चार गिरफ्तार मकान के विवाद में मारी थी गोलियां। असिस्टेंट प्रोफेसर हमले में दो आरोपित गए थे जेल बताया था लेनदेन का विवाद।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 02:55 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 02:55 PM (IST)
Gun Shot on the Road Case: प्रोफेसर पर हमले का पर्दाफाश, पर पुलिस की कहानी खड़े कर रही सवाल
Gun Shot on the Road Case: प्रोफेसर पर हमले का पर्दाफाश, पर पुलिस की कहानी खड़े कर रही सवाल

आगरा, जागरण संवाददाता। असिस्टेंट प्रोफेसर आरके भारती के बाद उनके भाई हरिशंकर पर जानलेवा हमले की घटना से पुलिस की किरकिरी हो रही थी। पुलिस ने शनिवार को चार आरोपितों को गिरफ्तार कर इस मामले का पर्दाफाश कर दिया। मगर, इससे पिछले पर्दाफाश पर सवाल उठ रहे हैं।

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डॉ. बीआर आंबेडकर विवि के असिस्टेंट प्रोफेसर आरके भारती को टेढ़ी बगिया में मार्निग वॉक पर जाते समय 28 जून को बदमाशों ने गोली मारी थीं। इस घटना का पुलिस ने पिछले दिनों पर्दाफाश कर दिया। घटना शामिल बताए गए नाऊ की सराय निवासी सुरेश बघेल और टेढ़ी बगिया निवासी मोंटू को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने बताया था कि लेनदेन के विवाद में उन्होंने आरके भारती को गोली मारी थीं। 13 अगस्त को असिस्टेंट प्रोफेसर के भाई हरिशंकर को उसी अंदाज में बाइक सवारों ने गोली मार दी। इसके बाद स्वजन पहले पर्दाफाश पर सवाल उठा रहे थे। पुलिस ने शुक्रवार को इस मामले में खंदौली के मुड़ी जहांगीरपुर निवासी शिवम, एत्माद्दौला के श्याम विहार कॉलोनी निवासी रवि, बॉबी शाहगंज के नरीपुरा निवासी दीपक गोला को गिरफ्तार कर लिया। अब पुलिस ने दोनों घटनाओं के पीछे की नई कहानी बताई है। पुलिस का कहना है कि शिवम का टेढ़ी बगिया पर 165 वर्ग गज क्षेत्रफल में मकान है। इसकी कीमत लगभग 80-90 लाख है। असिस्टेंट प्रोफेसर और उनके भाई ने यह मकान मोंटू के माध्यम से 30 लाख रुपये में ही अपने नाम करा लिया गया था। इस कारण शिवम और उसका जेल में बंद भाई बबलू दोनों रंजिश मानने लगे। शिवम बबलू और मध्यस्थ् दलाल मोंटू ने साजिश रची। शिवम ने सोहल्ला निवासी बंटी यादव को सुपारी दे दी। उसके गुर्गे रवि ने हरीशंकर को गोली मारी। अन्य रेकी में शामिल रहे थे। बंटी यादव, राहुल, दीपक, अर्जुन अभी फरार हैं। अब सवाल यह उठ रहे हैं कि पूर्व में जेल भेजे गए सुरेश और मोंटू के समय पुलिस बस लेनदेन विवाद क्यों बता रही थी? पहले घटना में केवल दो आरोपित शामिल क्यों बताए गए थे? तब पुलिस इन आरोपितों के बारे में क्यों पता नहीं कर सकी। एसएसपी बबलू कुमार का कहना है कि दोनों घटनाएं एक ही गैंग ने की हैं। आरोपितों पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी। 


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