आगरा में कागजों में फैली हरियाली, धरातल पर दम तोड़ गए पौधे
शहर में आज भी खाली पड़े गड्ढे बिना थैली निकाले रोपे थे पौधे। पांच जुलाई को वन विभाग सहित 27 विभागों ने मिलकर किया था पौधारोपण। जिसमें वन विभाग ने 37.61 हजार पौधे लगाने की रिपोर्ट शासन को भेजी थी।
आगरा, सुबान खान। एक दिन में पौधारोपण करके ताजनगरी को हरियाली का ताज पहनाने का दावा खोखला साबित हुआ है। कागजों में हरियाली फैल गई, पर धरातल पर गड्ढे आज भी खाली पड़े हैं। इनमें जो पौधे लगे थे, वह दम तोड़ चुकें हैं।
जिले में वन विभाग सहित 27 विभागों ने पांच जुलाई को पौधोरोपण का लक्ष्य पूरा किया था। जिसमें वन विभाग ने 37.61 हजार पौधे लगाने की रिपोर्ट शासन को भेज थी। जबकि शासन ने आगरा जिले को 37.50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया था, लेकिन वन विभाग ने 1318900 पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा करते हुए 11 हजार पौधे ज्यादा लगाए थे और बाकी का लक्ष्य अन्य 26 विभाग ने पूरा किया था। यह लक्ष्य पूरा करने के लिए वन विभाग ने पौध उपलब्ध कराई थी। सभी विभागों ने पौधा लगाकर खानापूर्ति कर दी। नगर निगम ने साकेत चौराहे से लेकर अवधपुरी के तिराहे, अवधपुरी सौ फीटा रोड पर पौधे लगाने का कार्य किया था। अब हकीकत यह है कि यहां पर एक भी पौधा नहीं है। यहां दो जुलाई को गड्ढों की खोदाई की गई थी। वे गड्ढे ज्यौं के त्यौं खाली हैं।
पौधों की नहीं निकाली थैली
नगर निगम द्वारा साकेत कालोनी रोड जो पौधे लगाए गए थे। कर्मचारियों ने उन पौधों की थैली तक नहीं निकाली थी। यही कारण है कि जितने भी पौधे लगे थे। सभी सूख गए।
कैसे हुए खेल
वन विभाग ने अपनी नर्सरियों से निश्शुल्क पौधे सभी विभागों को वितरित किए थे। यह रिकार्ड प्लांटेशन मानिटरिंग सिस्टम पोर्टल के माध्यम से शासन को प्रेषित किया गया था। इस पोर्टल पर आगरा का लक्ष्य पूरा दर्शाया गया था। वन अधिकारियों के अनुसार पौधों का वितरण पोर्टल पर लागइन आइडी के माध्यम से पौधों की संख्या, प्रजाति, पौधे लेने वाला विभाग का नाम व व्यक्ति का नाम दर्ज किया गया था। जिससे क्यूआर कोड़ हुआ था। क्यूआर कोड को स्कैन कराने के बाद नर्सरी से पौध उपलब्ध हुई थींं।
इन प्रजातियों के वितरित हुए थे पौधे
वन विभाग ने अनार, अमरूद, अर्जुन, इमली, आंवला, कटहल, जामुन, नीम, लिसोड़ा, गुलमोहर, शहतूत, सहजन, गूलर, पापड़, बकांद, बेलपत्र, यूकेलिप्टस, सिरस, कंजी, किन्नू आदि की पौध वितरण हुई।
वित्तीय वर्ष 2020-21 का लक्ष्य
वन विभाग, 1318900
पर्यावरण विभाग, 65900
ग्राम्य विकास विभाग, 1364400
राजस्व विभाग, 154300
पंचायतीराज विभाग, 154300
आवास विकास विभाग, 8900
औद्योगिक विकास विभाग, 4100
नगर विकास विभाग, 185600
लोक निर्माण विभाग, 13500
सिचाई/जल शक्ति, 13500
रेशम विभाग, 19407
कृषि विभाग, 261400
पशुपालन विभाग, 6200
सहकारिता विभाग, 5500
उद्योग विभाग, 10600
उर्जा विभाग, 5000
माध्यमिक शिक्षा, 3100
बेसिक शिक्षा, 3100
प्रावधिक शिक्षा, 6700
उच्च शिक्षा, 25500
श्रम विभाग, 4200
स्वास्थ्य विभाग, 10700
परिवहन विभाग, 4200
रेलवे विभाग, 20600
रक्षा विभाग, 8900
उद्यान विभाग, 93900
पुलिस विभाग, 8900