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Greater Agra: 3200 करोड़ से होगा ग्रेटर आगरा का विकास, बसेगा नया शहर

13 सितंबर को एसपीए की टीम आएगी आगरा। मेडिसिटी के लिए सीईसी से लेनी होगी अनुमति। इनर रिंग रोड के किनारे 612 हेक्टेअर में बस रहा है नया शहर। 125 हेक्टेअर में विकसित होगी मेडिसिटी। सीईसी से ली जाएगी अनुमति।

By Nirlosh KumarEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 03:42 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 03:42 PM (IST)
Greater Agra: 3200 करोड़ से होगा ग्रेटर आगरा का विकास, बसेगा नया शहर
एत्मादपुर मदरा और बुढ़ाना गांव की जमीन में बसेगा नया शहर।

आगरा, जागरण संवाददाता। इनर रिंग रोड के किनारे ग्रेटर आगरा के विकास के लिए 3200 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। एत्मादपुर मदरा और बुढ़ाना गांव की 612 हेक्टेअर जमीन में नया शहर बसेगा। नए शहर का ले-आउट तैयार करने के लिए 13 सितंबर को स्कूल्स आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्टर (एसपीए), नई दिल्ली की टीम आ रही है। यह टीम दो से तीन दिनों तक शहर में रहेगी और संबंधित गांवों में सर्वे करेगी। वहीं 125 हेक्टेअर में मेडिसिटी विकसित की जाएगी। इसके लिए केंद्रीय अधिकारिता समिति (सीईसी) से अनुमति ली जाएगी।

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आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) अगले सप्ताह इसका प्रस्ताव बनाकर भेज देगा। एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि 200 हेक्टेअर जमीन लैंड पूलिंग स्कीम में ली जा रही है। यह जमीन कुबेरपुर के आसपास होगी। उन्होंने बताया कि एसपीए के सर्वे के बाद ग्रेटर आगरा में किस तरीके की सुविधाएं दी जाएंगी, इसका प्रस्ताव तैयार होगा। पहले चरण में निजी बैंक से 300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया जाएगा। ग्रेटर आगरा में 50 से लेकर 400 वर्ग मीटर तक के भूखंड होंगे।

एक हजार एकड़ में विकसित होगा क्लस्टर

उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा कुबेरपुर में एक हजार एकड़ जमीन में इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जाएगा। शासन ने इसकी मंजूरी दे दी है।

1200 करोड़ रुपये की मिली लावारिस संपत्तियां

एडीए के दस वार्डों में 1200 करोड़ रुपये की लावारिस संपत्तियां मिली हैं। इन संपत्तियों की जल्द बिक्री की जाएगी। यह संपत्तियां ताजनगरी फेज प्रथम और द्वितीय, कालिंदी विहार, अशोक नगर, जयपुर हाउस, जवाहरपुरम, शास्त्रीपुरम में प्रमुख रूप से हैं। गुरुवार को एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने संपत्ति अनुभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष के भीतर 200 भवन स्वामियों को चिह्नित किया गया है, जिन्होंने एक भी रुपया जमा नहीं कराया है। बकाया रकम जमा न कराने पर अब तक 26 भवन स्वामियों के आवंटन को रद किया जा चुका है। हर दिन 300 आवंटियों को फोन कर बकाया रकम जमा कराने के लिए कहा जा रहा है।


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