RTI से हुआ खुलासा: सरकारी डॉक्टरों का चल रहा प्राइवेट का खेल Agra News
प्राइवेट प्रैक्टिस में फंस रहे एसएन के डॉक्टर। वोहरा हॉस्पिटल में बालिका की मौत के मामले में आरटीआइ से खुलासा एडीएम प्रोटोकॉल और सीएमओ कर रहे जांच।
आगरा, जागरण संवाददाता। एसएन इमरजेंसी में कार्यरत डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस में फंस गए हैं। डीएम से शिकायत के बाद एडीएम प्रोटोकॉल और सीएमओ द्वारा जांच की जा रही है।
28 जून को वोहरा हॉस्पिटल, अर्जुन नगर में इलाज के दौरान साढ़े चार साल की सान्वी पुत्री विकास अग्रवाल की मौत हो गई थी। हॉस्पिटल में डॉ. एचके सिंघल ने बालिका का इलाज किया था। परिजनों ने इलाज में लापरवाही और हॉस्पिटल में गलत इलाज देने से मौत के आरोप लगाए हैं, इस मामले की मजिस्ट्रेटी जांच चल रही है।
उधर, बालिका के पिता ने आरटीआइ से डॉ. एचके सिंघल के बारे में सूचना मांगी। एसएन प्रशासन ने जवाब दिया है कि डॉ. एचके सिंघल 2016 से एसएन इमरजेंसी में मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी नियुक्ति प्रांतीय चिकित्सा सेवा के अंतर्गत बाल रोग विभाग के अधीन संचालित सीएचसी यमुना पार में हुई थी। आरटीआइ के जवाब के साथ वोहरा हॉस्पिटल में डॉ. एचके सिंघल द्वारा किए गए सान्वी के इलाज के पर्चे, सीएमओ कार्यालय में हॉस्पिटल के पंजीकरण में डॉ. एचके सिंघल के पैनल में शामिल होने के सुबूत के साथ डीएम एनजी रवि कुमार से शिकायत की गई।
प्राइवेट प्रैक्टिस पर डॉक्टर और नर्सिग होम पर कार्रवाई
सरकारी सेवा में कार्यरत चिकित्सक के प्राइवेट प्रैक्टिस में शामिल पाए जाने पर उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली के अंतर्गत कार्रवाई की जाती है। इसमें चिकित्सक का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के लिए एमसीआइ से सिफारिश करने, भुगतान किए गए नॉन प्रैक्टिस एलाउंस को वसूलने और प्राइवेट प्रैक्टिस से हुई आय पर आयकर लिया जाना चाहिए। साथ ही जिस हॉस्पिटल में चिकित्सक द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस की जा रही है उसका लाइसेंस निरस्त होना चाहिए। डॉ. एचके सिंघल से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो वह बोले, बाद में बताता हूं।
श्री बांके बिहारी हॉस्पीटल में नहीं मिली बीएचटी
स्वास्थ्य विभाग ने श्री बांके बिहारी हॉस्पिटल, कारगिल पेट्रोल पंप की जांच पूरी कर ली है। टीम को हॉस्पिटल में बीएचटी नहीं मिली है, इस मामले में थाना सिकंदरा पुलिस को स्वास्थ्य विभाग द्वारा रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
सिकंदरा, मरियम टॉम क्षेत्र निवासी अरुण की पत्नी राधा देवी (25) की 29 मई को श्री बांके बिहारी जी हॉस्पिटल, कारगिल पेट्रोल पंप के पास सिजेरियन डिलीवरी ऑपरेशन से प्रसव किया गया था। तबीयत बिगड़ने पर रात में स्पर्श मल्होत्र हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया। यहां से जयपुर रेफर कर दिया, वहां प्रसूता की मौत होने के बाद श्री बांके बिहारी हॉस्पिटल के बाहर शव रखकर लोगों ने हंगामा किया। इस मामले में थाना सिकंदरा में मुकदमा दर्ज करने के साथ ही हॉस्पिटल सील कर दिया गया था। नोडल अधिकारी डॉ. अजय कपूर ने बताया कि श्री बांके बिहारी हॉस्पिटल में बीएचटी नहीं मिली हैं, हॉस्पिटल संचालक ने ऑपरेशन करने से इन्कार कर दिया है। मगर, स्पर्श मल्होत्र हॉस्पिटल से जब्त की गई बीएचटी में श्री बांके बिहारी हॉस्पिटल से मरीज को रेफर करना लिखा हुआ है। जांच रिपोर्ट थाना सिकंदरा पुलिस को भेजी जा रही है, जिससे परिजनों द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में आगे की कार्रवाई की जा सके।
पर्चे पर एमडी, डीसीएच की है डिग्री
विकास अग्रवाल का आरोप है कि वोहरा हॉस्पिटल के पर्चे पर डॉ. एचके सिंघल की डिग्री एमडी लिखी हुई है। जबकि वे डीसीएच हैं।
क्या कहना है इनका
कोई भी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर सकता है, उनसे शपथ पत्र भी लिया जाता है। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. जीके अनेजा, प्राचार्य एसएन मेडिकल कॉलेज
डॉ. एचके सिंघल के प्राइवेट प्रैक्टिस करने की जांच चल रही है, वोहरा हॉस्पिटल संचालक को भी नोटिस भेजा जाएगा।
डॉ. मुकेश वत्स, सीएमओ
वोहरा हॉस्पिटल के पैनल में डॉ. एचके सिंघल का नाम दर्ज है, वे अजरुन नगर में क्लीनिक भी चलाते हैं, अब बोर्ड हटा दिया है। एसएन से मिले आरटीआइ के जवाब में डॉ. एचके सिंघल को इमरजेंसी में ईएमओ के पद पर कार्यरत बताया है। मेरी बेटी की मौत इलाज में लापरवाही से हुई है, किसी और मरीज की मौत न हो, इसके लिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
विकास अग्रवाल, बालिका के पिता