भइये एक लाख का है, लेना हो तो लो, बाइक से भी ज्यादा महंगा बकरा Agra News
ईद-उल-जुहा पर कुर्बानी को रातभर रोशन रहीं बकरों की मंडियां। तोतापरी बकरा की कीमत आसमान पर एक लाख के पार।
आगरा, जागरण संवाददाता। घड़ी की सुई रात के एक बजा रही थी और हींग की मंडी रंग-बिरंगे बकरों से सजी थी। जितने बकरे उससे कहीं अधिक खरीददार। बकरों का मोलभाव हो रहा था। कहीं से आवाज आ रही थी इतने का है, तो कहीं से सुनाई पड़ रहा था भइये एक लाख का है, लेना हो तो लो। यह बकरा किसी बाइक से भी ज्यादा महंगा है।
ईद-उल-जुहा (बकरीद) 12 अगस्त को है। रात को हींग की मंडी में असंख्य भीड़ और उनके हाथों में बकरों की रस्सी थी। जागरण की टीम मंडी में पहुंची, तो हर तरफ तोतापरी की मांग नजर आई और कीमत आसमान पर। राजस्थान, मध्यप्रदेश के साथ उप्र के विभिन्न जिलों के बकरा पालक यहां थे।
ताजगंज के निवासी गुलाम गोस ने बताया मैं दो वर्ष पूर्व राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी से तोतापरी बकरे का बच्चा खरीदकर लाया था। अब इसे मंडी में बेचने आया हूं। 120 किलो वजन का है। एक लाख रुपये कीमत मांगी है।
लोहामंडी के सादिक ने कहा मेरा बकरा एक वर्ष का है। उसे जयपुर से लाया था। इस समय यह 85 किलो का है। 65 हजार रुपये इसकी कीमत है। लोहामंडी के ही सुमेर खान ने बताया कि एक वर्ष पूर्व जयपुर से तोतापरी का बच्चा लाया था। अब वह 95 किलो का हो गया है। इसे मंडी में बेचने आया हूं। ताजगंज के ग्यासुद्दीन ने कहा कि मैने 1.30 लाख रुपये का बकरा खरीदा है। यह 130 किलो का है। हर वर्ष कुर्बानी के लिए बकरा खरीदता हूं।
ये हैं नस्ल
आगरा की मंडियों में अधिकांश तोतापरी, बरबरा, देशी, मेडा और भेड़ पहुंच रही हैं। यहां रात को नौ बजे से खरीदफरोख्त शुरु हो जाती है।
प्रतिदिन बकरों का भोजन
- एक किलो दूध
- सौ ग्र्राम बादाम
- सौ रुपये के फल
- एक लीटर कोल्ड ड्रिंक
- एक किलो चना
- एक किलो चना की चुनी
- सौ रुपये का चारा
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