CAA 2019: बवाल के बाद कांचनगरी में बंद रहे कारखाने, नहीं सुलगीं भट्टियां Agra News
सुहागनगरी में बवाल के बाद 90 फीसद कारखानों में काम पर नहीं पहुंचे श्रमिक। सेवायोजकों के समझाने पर भी नहीं तैयार हुए मजदूर।
आगरा, जेएनएन। सीएए के विरोध का असर चूड़ी कारोबार पर भी पड़ा। चूड़ी कारखानों में शुक्रवार को काम नहीं लग सका। सेवायोजक सुबह काफी देर तक इंतजार करते रहे, लेकिन कोई श्रमिक काम पर नहीं पहुंचा। इससे कारखानों में दिनभर भट्टियां सुलगती रहीं।
सुहाग नगरी में एक सैकड़ा कारखानों में चूड़ी उत्पादन होता है। शुक्रवार को जुमे की नमाज को शहर में हालात बिगडऩे की आशंका को देखते हुए श्रमिक काम पर नहीं आए। सेवायोजकों ने श्रमिकों को समझाने का भी प्रयास किया, लेकिन काम पर आने के लिए तैयार नहीं हुए। इंडस्ट्रियल एरिया, सुहाग नगर, भीम नगर, करबला, नई बस्ती, स्टेशन रोड, रानी वाला कंपाउंड, शीतल खां, सरक्यूलर रोड, नगला बरी, जाटवपुरी, आसफाबाद, मक्खनपुर सहित अन्य स्थानों पर संचालित 90 फीसद चूड़ी कारखानों में श्रमिक काम पर नहीं पहुंचे। सेवायोजक श्रमिकों के आने का इंतजार करते, लेकिन कोई श्रमिक काम पर नहीं पहुंचा। इससे दिनभर कारखानों में सन्नाटा पसरा रहा। कारखानों में कामकाज ठप होने के कारण भट्टियों में दिनभर लाखों की गैस फुंकती रही। दि ग्लास इंडस्ट्रियल ङ्क्षसडीकेट के डायरेक्टर हनुमान प्रसाद गर्ग का कहना है श्रमिकों के काम पर न आने के कारण चूड़ी उत्पादन कार्य नहीं हो सका।
लाखों की गैस व्यर्थ में फुंक गई
कारखानों में काम न लगने से लाखों रुपये की गैस भी व्यर्थ में फुंक गई। भट्टियों का तापमान बनाए रखना भी उद्यमियों की मजबूरी थी, ऐसे में भट्टियां सुलगती रहीं। करीब नौ से दस लाख की गैस फिजूल में जल गई।
शहर के हालात पर नजर बनाए रहे उद्यमी
सीएए के विरोध में शहर के बिगड़ते हालात पर उद्यमी लगातार नजर बनाए रहे। शहर में हाईवे एवं नालबंद चौराहे पर हुए बवाल को देखते हुए उद्यमी एक-दूसरे को फोन के हालात की जानकारी लेते रहे। शहर में बिगड़ते हालात को देखते हुए श्रमिकों के शनिवार को भी काम पर लौटने की संभावना कम नजर आ रही है।