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आगरा का इनामी गैंगस्टर बिहार में कर रहा था मजदूरी, 10 साल बाद आया हाथ

जगदीशपुरा इलाके में हुई लूट की घटना में था नामजद। दस साल से फरार चल रहे आरोपित पर शाहगंज थाने में दर्ज था गैंगस्टर का मुकदमा। वह मूलरूप से मंसूरगंज थाना मालसलामी पटना बिहार का रहने वाला है। पुलिस कई बार उसकी गिरफ्तारी के लिए वहां गई थी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 12:34 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 12:34 PM (IST)
बिहार से पकड़ा गया आगरा का इनामी गैंगस्‍टर।

आगरा, जागरण संवाददाता। शाहगंज थाने से दस साल से गैंगस्टर में वांछित इनामी बिहार में मजदूरी कर रहा था। वहीं, पुलिस उसकी तलाश में भटक रही थी। आरोपित को बिहार के नवादा से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित को ट्रांजिट रिमांड पर आगर लेकर आने के बाद जेल भेज दिया।

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इंस्पेक्टर शाहगंज सत्येंद्र कुमार राघव ने बताया कि अमित कुमार उर्फ पंकज दस साल पहले किराए पर जगदीशपुरा इलाके में रहता था।उसने दाे साथियों के साथ मिलकर लूट की थी। पुलिस ने उसके साथियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। अमित कुमार उर्फ पंकज तभी से फरार था। उसके खिलाफ फरारी में उसके खिलाफ चार्जशीट लगाई गई। वर्ष 2010 में शाहगंज थाने में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था। उस पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

वह मूलरूप से मंसूरगंज थाना मालसलामी पटना, बिहार का रहने वाला है। पुलिस कई बार उसकी गिरफ्तारी के लिए वहां गई। लोगों से जानकारी करने पर पता चला कि आरोपित अब वहां नहीं रहता है। खोजबीन के दौरान पुलिस को वांछित अमित कुमार के बारे में पता चला कि गांव कोनियापुर, थाना नवादा टाउन, जिला नवादा, बिहार में रह रहा है। पुलिस ने 23 मई को उसे वहां से गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया। उसे 26 मई तक की ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आगरा आई। पूछताछ करने पर अमित उर्फ पंकज ने बताया कि आगरा से फरार होने के बाद अपने पैतृक घर पर जाना छोड़ दिया था। वह नवादा और मुजफ्फरपुर में मजदूरी करने लगा था। कई साल बीतने के बाद उसे यकीन हो गया था कि पुलिस अब उस तक नहीं पहुंच सकेगी। इंस्पेक्टर शाहगंज ने बताया कि आरोपित को जेल भेज दिया गया है।

गैंगस्टर के धोखे में हमनाम को पकड़ लाई थी पुलिस

करीब ढाई महीने पहले गैंगस्टर के धोखे में पुलिस ने उसके हमनाम को पकड़ लिया था। मगर, उसकी आयु लगभग 23 साल थी। जबकि आरोपित अमित दस साल से फरार चल रहा था। इसलिए हमनाम को कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने छोड़ दिया था।


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