फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन लेने वाले गैंग का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार
लोन को दिए दस्तावेजों को एडिट करके करा लेते थे दूसरा लोन
आगरा, जागरण संवाददाता। लोन के लिए दस्तावेज लेकर शातिर उन्हें एडिट कर लेते थे। इसके बाद कई तरह के लोन स्वीकृत करा लेते थे। साइबर सेल की टीम ने जांच के बाद दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि दो आरोपित अभी फरार हैं। शातिरों ने शहर में कई लोगों को शिकार बनाया था।
सदर क्षेत्र में रहने वाले अनिल कुमार ने एसएसपी से शिकायत की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि कैपरी ग्लोबल फाइनेंस कंपनी से लोन कराने के लिए दस्तावेज दिये थे। बाद में किसी अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी तरीके से एडिट करके बजाज फाइनेंस से आटो लोन लेकर पल्सर गाड़ी लेने व उन्हीं के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर केनरा बैंक में फर्जी खाता खुलवाकर बिजनेस लोन करा लिया। इस मामले में सदर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। साइबर सेल की टीम ने मामले की जांच की। इसमें सामने आया कि फर्जी दस्तावेजों पर अनिल की जगह किसी और का फोटो लगा था। साइबर सेल की जांच के बाद पुलिस ने सदर के नौलक्खा निवासी पीयूष और शाहगंज के पृथ्वीनाथ निवासी विजय को गिरफ्तार कर लिया। मयंक शर्मा और लवकेश सिघल फरार हैं। इंस्पेक्टर सदर प्रमोद पंवार ने बताया कि लवकेश सिघल गिरोह का सरगना है। वह मयंक शर्मा और विजय के साथ मिलकर फर्जी लोन कराता है। लवकेश सिघल लोगों से लोन दिलाने के लिए संपर्क करता था। जो लोग लोन के लिए दस्तावेज देते हैं, उनको मयंक शर्मा व लवकेश फोटोशाप की मदद से एडिट कर फर्जी बैंक खाता खुलवा लेते हैं। इन पर नाम व अन्य डिटेल सही रहती है। एडिटिग करके वे फोटो किसी दूसरे व्यक्ति का लगा देते हैं। उसके बाद आटो लोन कराकर टू और फोर व्हीलर गाड़ी ले लेते हैं। गाड़ियों को बेच कर रुपया कमाते हैं। फर्जी बैंक खाता में बिजनेस लोन कराकर आए रुपयों को निकाल लेते हैं। मयंक को एक वर्ष पहले भी ठगी के मामले में गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा था।