शनिवार को है गणेश चतुर्थी, पूजा में चुपचाप चढ़ाएं ये दो पत्ते, होंगे दौलतमंद
ज्योतिषाचार्य डॉ शोनू मेहरोत्रा के अनुसार शमी वृक्ष की पूजा से प्रसन्न होते हैं भगवान गणेश।
आगरा, जागरण संवाददाता। 11 अप्रैल यानि शनिवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। चतुर्थी तिथि को प्रथम पूज्य गणपति के जन्म की तिथि के रूप में मनाया जाता है। गणेशजी के भक्त इस तिथि पर व्रत रखते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ शोनू मेहरोत्रा के अनुसार शनिवार को गणेश चौथ का होना एक विशेष संयोग होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि एक पेड़ दस पुत्रों के समान होता है। पेड़-पौधे घर की सुंदरता के साथ- साथ घर की सुख-शांति के देने वाले भी माने जाते हैं। कुछ पेड़-पौधे ऐसे होते हैं जिन्हें घर में लगाने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। शमी का वृक्ष घर के ईशान कोण (पूर्वोत्तर) में लगाना लाभकारी माना गया है क्योंकि शमी वृक्ष तेजस्विता एवं दृढता का प्रतीक है। इसमें प्राकृतिक तौर पर अग्नि तत्व की प्रचुरता होती है इसलिए यज्ञ में अग्नि को प्रज्जवलित करने हेतु शमी की लकड़ी के विभिन्न उपकरणों का निर्माण किया जाता है। आयुर्वेदिक दृष्टि में तो यह अत्यंत गुणकारी औषधि मानी गई है।
क्या है धार्मिक मान्यता
डॉ शोनू आगे बताती हैं कि धार्मिक मान्यताओं में शमी का वृक्ष बड़ा ही मंगलकारी माना गया है। लंका पर विजयी होने के पश्चात श्री राम ने शमी पूजन किया था। नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा का पूजन शमी वृक्ष के पत्तों से करने का शास्त्रों में विधान है। गणेश जी और शनिदेव दोनों को ही शमी बहुत प्रिय है। शमी के पेड़ की पूजा करने से शनि देव और भगवान गणेश दोनों की ही कृपा प्राप्त की जा सकती है। शमी को वह्निवृक्ष या पत्र भी कहा जाता है। इस पौधे में भगवान शिव स्वयं वास करते हैं जो गणेश जी के पिता और शनिदेव के गुरू हैं। शमी पत्र के उपाय करने से घर-परिवार से अशांति को दूर भगाया जा सकता है। शमी वृक्ष की जड़ को विधि-विधान पूर्वक घर लेकर आएं। उसे घर में रोपित कर नित्य उसका पूजन करें। ऐसा करने से गणेश जी आएंगे घर के आर और शनिदेव जाएंगे घर से पार। शनिदेव की टेढ़ी नजर से बचाकर गणपति करेंगे हिफाजत।
ऐसे करें पूजा
भगवान गणेश को शमी अर्पित करते समय निम्न मंत्र का जाप करें
त्वत्प्रियाणि सुपुष्पाणि कोमलानि शुभानि वै।
शमी दलानि हेरम्ब गृहाण गणनायक।।
जाप के उपरांत मोदक और दुर्वा का भोग लगाएं और आरती करें। शमी के पौधे की जड़ को काले धागे में बांधकर गले या बाजू में धारण करें। ऐसा करने से शनिदेव से संबंधित जीवन में जितने भी विकार हैं उनका शीघ्र ही निवारण होगा। गणेश पूजन करते समय शमी के कुछ पत्ते गणेश जी को अर्पित करने से घर में धन एवं सुख की वृद्धि होती है।