आगरा में पौधारोपण के नाम पर बड़ा खेल, सैंकड़ों पौधे बिखरे पड़े सड़क पर
स्वतंत्रता दिवस पर वन विभाग और अन्य विभागों ने चलाया था पौधरोपण का अभियान। दो दिन बाद ही सड़क पर पड़े मिले पौधे।
आगरा(जेएनएन): ताज महल के इस शहर को तेजी से स्मार्ट आगरा ग्रीन आगरा बनाने की कवायदें चल रही हैं। शासन से हजारों- लाखों रुपये का बजट शहर के सुंदरीकरण के लिए आया हुआ है, जिसमें पौधरोपण को खासा महत्व दिया जा रहा है। वन विभाग सहित अन्य विभाग भी इस कवायद में जुटे हुए हैं। स्वतंत्रता दिवस को भी पौधरोपण अभियान में शामिल किया गया। कई विभागों और संस्थाओं ने ध्वजारोहण के बाद पौधरोपण भी किया लेकिन अफसोस पौधरोपण के लिए पौध तो एकत्र हुई लेकिन रोपण सिर्फ कागजों में हुआ। जो पौधे रोपित होकर ठंडी छांव और शुद्ध हवा दे सकते थे आज वो पौधे सड़क पर यूं ही पड़े आने जाने वालों की दुत्कार सहन कर रहे हैं या ग्रामीण उनकी मिट्टी झाड़कर ईधन के लिए ले जा रहे हैं।
दरअसल दो दिन पहले 15 अगस्त को पोइया घाट रोड और खेल गांव रोड, दयालबाग पर वन विभाग और अन्य विभागों द्वारा सैंकड़ों की संख्या में पौधोरोपण अभियान चलाया गया था। अभियान के अंतर्गत आठ से दस फीट की ऊंचाई की पौध रोपित के लिए मंगाए गए थे। इस अभियान की पोल उस वक्त खुली जब शुक्रवार सुबह कुछ मॉर्निग वॉकर उस तरफ से गुजरे। सड़क के बीचोंबीच और किनारे से सैंकड़ों की संख्या में पौधे पड़े हुए थे। उनमें से बहुत से पौधों की मिट्टी झाड़कर गांव के बच्चे उठाकर ले जा रहे थे। तो बहुतों को वाहनों ने रौंद दिया था। सड़क के किनारे कुछ पौधे जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे थे। मॉर्निग वॉकर्स ने ऐसे पौधों को खुरपी की सहायता से रोप दिया। बता दें कि विभागों द्वारा पौधे तो मंगा लिये गए थे लेकिन उन्हें रोपने के लिए गड्ढे तक नहीं किए गए थे। स्मार्ट सिटी के नाम पर लग रहे बेजान पौधे: विभागों द्वारा स्मार्ट सिटी के नाम पर चल रहे पौधारोपण के इस खेल की एक और तस्वीर दयालबाग क्षेत्र के ही एलोरा एंक्लेव में भी दिख रही है। यहां स्थित पार्क को स्थानीय लोगों द्वारा धन एकत्र कर औषधिये पौधों से सजाया गया है। वहीं दो दिन पूर्व नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा पौधारोपण के लिए सर्वे किया गया। स्थानीय निवासी सुभाषिनी पालीवाल ने जब पौधों की प्रजातियों के बारे में पूछा तो उन्होंने जंगल में होने वाले पौधों के नाम गिना दिए। इस पर उन्होंने पार्क के लिए आवश्यक पौधे लगाने की सलाह दी। अब दो दिन बाद कर्मचारी आकर पौधे तो रोप गए लेकिन वे सभी पार्क में न उगने वाले पौधे हैं, साथ ही उनमें से अधिकांश दम तोड़ चुके हैं।
बजट में होता है खेल: वन विभाग और अन्य विभागों द्वारा पौधारोपण अभियान हर मानसून में चलाया जाता है। हजारों की तादाद में पौधे रोपित होते हैं, बावजूद इसके शहर में हरियाली कहीं दिखाई नहीं देती। सूत्रों के अनुसार विभागों द्वारा नर्सरी से पौधों की खरीद और गड्ढा खुदाई के नाम पर ही खेल किया जाता है। शासन से आने वाले बजट का बंदरबाट इनके नाम पर होता है।