मुख्तार अंसारी पर धोखाधड़ी के आरोप तय, आगरा में 12 अक्टूबर से शुरू होगी गवाही की प्रक्रिया
अदालत ने नहीं माने साजिश 120बी व 109 के आरोप। गवाहों को भेजे जाएंगे समन। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए की अदालत में वीडियो कांफ्रेसिंग से हुई पेशी। मुख्तार अंसारी वर्ष 1999 में केंद्रीय कारागार में निरुद्ध था। इस दौरान पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों द्वारा जेल में छापा मारा गया।
आगरा, जागरण संवाददाता। बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी के खिलाफ 22 साल पुराने मुकदमे में विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए की अदालत में आरोप तय किए गए हैं। उस पर फर्जी प्रपत्र तैयार कर छलपूर्वक मोबाइल सिम हासिल करने की धाराओं में आरोप तय किए गए हैं। अंसारी की वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से अदालत में पेशी हुई। मुकदमे में अब 12 अक्टूबर से गवाही की प्रक्रिया शुरू होगी। अदालत की ओर से गवाहों को समन भेजे जाएंगे।
मुख्तार अंसारी वर्ष 1999 में केंद्रीय कारागार में निरुद्ध था। इस दौरान पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों द्वारा जेल में छापा मारा गया। उसकी बैरक से मोबाइल, बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद की गई थी। मामले में जगदीशपुरा थाने में अंसारी के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, छलपूर्वक फर्जी प्रपत्र तैयार करना, अपराध के लिए दुष्प्रेरित करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने मुकदमे में अंसारी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। अंसारी ने अदालत में खुद पर लगे आरोपों से डिस्चार्ज करने के लिए इस साल अगस्त में विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए की अदालत में प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया था। जिसे अदालत ने 22 सितंबर को खारिज कर दिया था। अंसारी के खिलाफ 30 सितंबर को आरोप तय करने की तारीख नियत की गई थी। उसकी वीडियो कांफ्रेसिंग से पेशी हुई, अदालत ने आरोप तय करने के लिए आठ अक्टूबर की तारीख नियत की थी।
शुक्रवार को अंसारी के खिलाफ धारा 419 व 420 में आरोप तय किए गए। उसके पास बरामद मोबाइल सिम को रामपाल के नाम से फर्जी प्रपत्र तैयार करके प्राप्त किया गया था। इन दो आरोपों को तय किया गया है। अदालत ने अंसारी पर आपराधिक षड्यंत्र की धारा 120बी एवं अपराध के लिए उकसाने या दुष्प्रेरित करने की धारा 109 के तहत लगाए गए आरोप नहीं माने। मुकदमे में गवाही अब 12 अक्टूबर से शुरू होगी। इसके लिए गवाहों को समन भेजे जाएंगे।