पुलिस ने की जबरन अंतिम संस्कार कराने की कोशिश, तनाव
होटल संचालक की मौत के तीन दिन बाद शव लेकर गाव पहुंचे स्वजन पुलिस ने रात में ही अंतिम संस्कार को बनाया दबाव स्वजन ने किया इन्कार
जागरण टीम, आगरा। शराब बनाने के आरोप में जेल भेजे गए होटल संचालक की मौत के बाद बुधवार को स्वजन शव लेकर कस्बा पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने रात में ही पोस्टमार्टम का दबाव बनाया। तनाव फैलने के बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई। स्वजन अब गुरुवार सुबह ही अंतिम संस्कार करेंगे। कस्बा में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है।
बाह के जैतपुर में नई बस्ती निवासी धमर्ेंद्र उर्फ धन्ना का बाह रोड पर होटल था। 25 मार्च को जैतपुर पुलिस ने धमर्ेंद्र को होटल से गिरफ्तार किया था। पुलिस का आरोप था कि धमर्ेंद्र अपने होटल के पीछे अवैध रूप से शराब बना रहा था।पुलिस ने अगले दिन ही उसे जेल भेज दिया।तीन अप्रैल को उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद एसएन इमरजेंसी में भर्ती कराया। यहा से हालत बिगड़ने पर दिल्ली के महर्षि वाल्मीकि अस्पताल भेज दिया।वहा रविवार शाम सात बजे धमर्ेंद्र की मौत हो गई। धमर्ेंद्र के भाई मुकेश का आरोप है कि जैतपुर पुलिस की पिटाई से आई चोटों के कारण ही धमर्ेंद्र की मौत हुई है। पुलिस उसके साथ अमानवीयता की थी। एसएन इमरजेंसी में इलाज के दौरान उसने स्वजन को पूरा वाकया बताया था। स्वजन ने एसएसपी से मामले की शिकायत की। एसएसपी मुनिराज जी ने मामले की जाच एसपी पूर्वी अशोक वेंकट के. को दे दी। सोमवार दोपहर एसपी पूर्वी मृतक के स्वजन से मिले। उन्होंने उनके बयान दर्ज किए। उधर, होटल संचालक का शव दिल्ली से लेकर मंगलवार रात 10:30 बजे स्वजन जैतपुर पहुंचे। पुलिस फोर्स के साथ अधिकारी वहा पहले से ही मौजूद थे। पुलिस ने होटल संचालक के स्वजन से कहा कि वे रात में ही अंतिम संस्कार कर दें। मगर उन्होंने इससे इन्कार कर दिया। इसको लेकर कस्बा में तनाव की स्थिति बन गई। मामला बढ़ते देखकर पुलिस बैकफुट पर आ गई। अब सुबह ही अंतिम संस्कार होगा। तीन दिन में हो सका पोस्टमार्टम
होटल संचालक के स्वजन का आरोप है कि पुलिस धमर्ेंद्र का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहती थी। दिल्ली में रविवार को मौत के बाद बुधवार को पोस्टमार्टम हो सका। उनका कहना है कि पुलिस पोस्टमार्टम नहीं होने दे रही थी। क्योंकि इसमें पुलिस की करतूत उजागर हो जाएगी। मानवाधिकार आयोग में पहुंची शिकायत
धमर्ेंद्र से पुलिस कस्टडी में मारपीट के बाद उसकी मौत होने के मामला सामान्य नहीं है। मामला बेहद गंभीर है। स्वजन ने इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग में भी की है।