टेस्ट ड्राइव के बहाने लूटी फोर्च्यूनर गाड़ी, पुलिस ने दबोचे
गांधी नगर में सिधी मोटर्स पर ग्राहक बनकर पहुंचे थे शातिर गाड़ी में बैठे कर्मचारी की आंखों में मिर्च पाउडर डाला 50 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक नहीं बढ़ी स्पीड पुलिस ने कर ली घेराबंदी
आगरा, जागरण संवाददाता । लुटेरों ने शुक्रवार शाम शातिर अंदाज में वारदात को अंजाम दिया। पगड़ी बांधकर शातिर कारों की खरीद-बिक्री की दुकान पर पहुंचे। वहां से टेस्ट ड्राइव के बहाने फोर्च्यूनर गाड़ी ले गए। साथ में बैठे कर्मचारी की आंख में मिर्च पाउडर डालकर उसे हाईवे पर ही फेंक दिया। मगर, गाड़ी की स्पीड लुटेरों को धोखा दे गई। 50 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक स्पीड नहीं बढ़ सकी। ऐसे पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों लुटेरों को दबोच लिया। एत्माद्दौला थाने में लुटेरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
गांधी नगर निवासी राबिन की गांधी नगर में एस्सार पेट्रोल पंप के पास सिधी मोटर्स के नाम से कारों की खरीद-बिक्री की दुकान है। शुक्रवार शाम दो ग्राहक पगड़ी बांधकर दुकान पर पहुंचे। उन्होंने एक फोर्च्यूनर गाड़ी पसंद की। दुकान मालिक से कहा कि उन्हें गाड़ी की टेस्ट ड्राइव करनी है। राबिन ने अपने एक कर्मचारी को गाड़ी में बैठा दिया। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि ग्राहक बनकर आए शातिर टेस्ट ड्राइव के लिए गाड़ी को हाईवे पर रामबाग की ओर ले गए। रामबाग फ्लाइओवर से निकलते ही उन्होंने गाड़ी रोककर कर्मचारी की आंख में मिर्च पाउडर डाला और उसे नीचे धक्का देकर गिरा दिया। इसके बाद गाड़ी को आगे की ओर ले गए। उधर, कर्मचारी ने संभलने के बाद यूपी 112 पर सूचना दी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हो गई। लुटेरे फोर्च्यूनर गाड़ी को एत्मादपुर की ओर ले जा रहे थे। मगर, उसकी स्पीड 50 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं बढ़ रही थी। पुलिस ने लुटेरों की घेराबंदी कर ली। यूपी 112 की पीआरवी से पुलिसकर्मी रांग साइड लुटेरों की ओर बढ़े। वहीं एत्माद्दौला पुलिस उनके पीछे थी। झरना नाले के पास पुलिस ने उन्हें रोक लिया। शातिरों ने अपने नाम बल्केश्वर निवासी मनीष गौतम और संगम सिंह बताए हैं। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। शातिरों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने पगड़ी गुमराह करने के लिए बांधी थी। गाड़ी लूटते समय वे पगड़ी बांधे थे। रास्ते में वे पुलिस को चकमा देने को खोल देते। मगर, उन्हें मौका ही नहीं मिला।
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गाड़ियों की स्पीड रखते हैं नियंत्रित
राबिन ने बताया कि उनके कारोबार में इस तरह की घटनाओं की संभावना रहती है। इसलिए वे गाड़ियों में डीजल-पेट्रोल कम रखने के साथ ही उनकी स्पीड भी पचास पर नियंत्रित रखते हैं। जीपीएस भी लगाकर रखते हैं, ताकि गाड़ी की लोकेशन पता रह सके।