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Hunting: जोधपुर झाल पर विदेशी परिंदों का शिकार कर रहे शिकारी, वन विभाग हुआ मुस्‍तैद

सर्दियों में प्रवासी पक्षियों ने डाल रखा है जोधपुर झाल में डेरा। पक्षियों के आने पर शिकारियों के दल भी सक्रिय हो गए। घातक औजारों से प्रहार कर पक्षियों का शिकार किया जा रहा है। शिकायत पर वन विभाग और पुलिस टीम ने चलाया तलाशी अभियान।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 02:16 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 02:16 PM (IST)
Hunting: जोधपुर झाल पर विदेशी परिंदों का शिकार कर रहे शिकारी, वन विभाग हुआ मुस्‍तैद
जोधपुर झाल पर परिंदों का शिकार करते शिकारी।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा-मथुरा हाईवे पर फरह ब्लॉक में जोधपुर झाल पर प्रवासी पक्षियों की अठखेलियो को मानो किसी की नजर लग गयी है। प्रवासी पक्षियों के शिकार करने को शिकारी नजरें लगाये बैठे रहते हैं। सर्दियों की शुरुआत में प्रवासी पक्षियों के आगमन के साथ ही जोधपुर झाल पर शिकारियों की सक्रियता बढ जाती है। जोधपुर झाल के आस पास के कस्बों के शिकारियों के झुंड इन प्रवासी पक्षियों का शिकार करते हैं। जोधपुर झाल प्रवासी पक्षियों की शरणस्थली बन गयी है। यहांं ग्रेटर फ्लेमिंगो, रूडी शेल्डक, बार हेडेड गूज, नोर्दन पिनटेल, काॅमन टील, नार्दन शोवलर, पाइड एवोसेट, टफ्टिड डक, ग्रे लैग गूज, लेशर विशलिंग डक, काॅम्ब डक, स्पून विल्ड डक, गेडवाल, गारगेने, पेन्टेड स्टार्क, ब्लैक विंग स्टिल्ट, पर्पल स्वैम्प हैन, सेन्डपाइपर, लिटिल रिंग्ड प्लोवर, यूरेशियन कर्ल्यू, पेन्टेड स्नाइप जैसे जलीय पक्षियों की संख्या सैकडों में रहती है। शिकारियों से इनके जीवन को खतरा पैदा हो गया है।

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कम पानी व नियमित गश्त की कमी का उठाते हैं शिकारी लाभ

जैव विविधता के संरक्षण एवं अध्ययन करने वाली संस्था बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष डॉ केपी सिंह ने बताया कि आगरा कैनाल लगभग एक माह से सूखी पडी थी। जोधपुर झाल के पानी का स्तर एक चौथाई से भी कम रह गया है। अगर झाल का पानी कम हो जाता है तो शिकारी आसानी से झाल के अंदर जाकर घातक औजारों का प्रयोग कर प्रवासी पक्षियों का शिकार करते हैं। यह शिकारी 10 से 12 के झुंड में पहुंंच कर योजनाबद्ध तरीके से प्रवासी पक्षियों का शिकार करते हैं।

वन विभाग के अंतर्गत जोधपुर झाल का आधा भाग मथुरा एवं आधा आगरा जनपद की सीमाओं के अंतर्गत आता है। वन विभाग की नियमित गश्त का अभाव और सिंचाई विभाग की उदासीनता के चलते शिकारियों के हौसले बुलंद रहते हैं।

हमले की शिकायत पर सक्रिय हुआ वन विभाग

रविवार की सुबह जोधपुर झाल का संरक्षण कर रहे पक्षी विशेषज्ञ डॉ केपी सिंह सूचना मिलने पर जोधपुर झाल पहुुंचे। उस समय शिकारियों द्वारा प्रवासी पक्षियों का शिकार किया जा रहा था। डाॅ केपी सिंह द्वारा उन्हें रोके जाने एवं उनके फोटो खींचने से गुस्साए शिकारियों ने उनके साथ हाथापाई कर दी। इसकी सूचना फोन द्वारा थाना फरह देने पर शिकारी भाग निकले। इसके पश्चात डीएफओ मथुरा आरएन मिश्रा को इस घटना की शिकायत की गई। उन्होंने क्षेत्रीय वन अधिकारी मुकेश कुमार मीना के नेतृत्व में एक गश्ती दल सोमवार को जोधपुर झाल भेजा। दल को शिकारी तो नहीं मिले लेकिन उनकी गतिविधियों के सबूत मिले हैं। रविवार रात ओखला बैराज से आगरा कैनाल में पानी छोड़ा गया है, जिसके मंगलवार सुबह तक जोधपुर झाल पर पहुंंचने की संभावना है। इसके बाद झाल का पानी बढने से शिकारियों पर लगाम लग सकती है।

प्रवासी पक्षियों के शिकार रोकने को होगी संयुक्त कार्यवाही

पक्षी विशेषज्ञ डॉ केपी सिंह द्वारा लिखित शिकायत दिवाकर श्रीवास्तव उप वन संरक्षक, राष्ट्रीय चंबल सेन्चुरी प्रोजेक्ट आगरा एवं प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग, आगरा पर की गई है। इस शिकायत पर जोधपुर झाल पर प्रवासी पक्षियों के शिकार रोकने के लिए आगरा एवं मथुरा वन विभाग की नियमित गश्त चालू कर शिकारियों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा। आरओ किरावली अमित गुप्ता द्वारा मथुरा वन विभाग के सहयोग से जोधपुर झाल को शिकारियों से सुरक्षित किया जाएगा।  


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