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Election Boycott: बीस साल से मीठे पानी की आस में आगरा का ये इलाका, अब किया चुनाव बहिष्‍कार का ऐलान

Election Boycott आगरा में कालिंदी विहार के नागरिकों ने जीवन मेंं गंगा जल मिलने की छोड़ी आस। यमुना पार क्षेत्र में करीब 25 साल पूर्व आगरा विकास प्राधिकरण ने कालिंदी विहार योजना के नाम से कॉलोनी का गठन किया था। तब से लेकर अब तक नहीं हो पाई पेयजलापूर्ति।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 12:46 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 12:46 PM (IST)
Election Boycott: बीस साल से मीठे पानी की आस में आगरा का ये इलाका, अब किया चुनाव बहिष्‍कार का ऐलान
करीब 25 साल पूर्व आगरा विकास प्राधिकरण ने कालिंदी विहार योजना के नाम से कॉलोनी का गठन किया था।

आगरा, जागरण संवाददाता। मीठे पानी पर सबका अधिकार है। लेकिन यमुना पार क्षेत्र में एक जगह ऐसी भी है, जहांं इस मीठे पानी का अधिकार आगरा विकास प्राधिकरण ने मकान देने के बाद भी नही दिया है। आज तक मीठे पानी की आस में क्षेत्र की जनता लाखों रुपए पानी खरीदने पर खर्च कर चुकी है। यह हालात किसी प्राइवेट कॉलोनी के नहीं, बल्कि आगरा विकास प्राधिकरण के द्वारा बनाई गई कालिंदी विहार डी ब्लॉक के हालात हैं ।

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यमुना पार क्षेत्र में करीब 25 साल पूर्व आगरा विकास प्राधिकरण ने कालिंदी विहार योजना के नाम से कॉलोनी का गठन किया था। कॉलोनी में ईडब्ल्यूएस भवन एक हजार रुपये देकर आवंटित किए गए। लेकिन प्राइवेट कॉलोनी की तरह सुविधाएं अभी तक कालिंदी विहार में रह रहे जनता को नहीं मिली है। क्षेत्रीय जनता आज भी करीब 25 साल से मीठे पानी के लिए तरस रही है। कई वादे चुनाव के समय नेताओ के द्वारा किये गए लेकिन जीतने के बाद बस्ती की ओर वापस लौटकर नहीं आता।

कॉलोनी में करीब 400 ईडब्ल्यूएस भवन हैं। जिनमें अभी तक मीठे पानी की लाइन नहीं डाली गई। प्राइवेट ट्यूबवेल के द्वारा खारे पानी की लाइन डालकर आम जनता को संतुष्ट तो कर दिया गया। लेकिन मीठे पानी के नाम पर जनता को 20 साल से आश्वासन के जनता कुछ नहीं मिल रहा। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता जा रहा है, वैसे ही जनता का धैर्य टूटता जा रहा है। सोमवार को आम जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गई। खाली बर्तनों को लेकर जनता विरोध करने लगी।

चुनाव वहिष्कार की बनाई योजना

कालिंदी विहार डी ब्लॉक में रह रही जनता को अब मीठे पानी को न मिलने से बुरी तरह आहत है। क्षेत्रीय महिलाएं ने एकत्रित होकर चुनाव बहिष्कार की रूपरेखा तैयार की और जानकारी में बताया कि वह अगले चुनावों का बहिष्कार खुलकर करेंगे। 20 साल से कई नेता यहां पर आए लेकिन किसी ने भी मीठे पानी की सुविधा हम लोगों को नहीं दी। जिसके चलते उन्होंने यह फैसला लिया है।

18 सौ रुपये महीने का पी रही जनता पानी

लॉकडाउन के बाद गरीबों की हालत पहले से ही खस्ता है। वही बस्ती में रहने वाली गुड्डी देवी, केश कली, उषा कुशवाहा, सुधा, उमा, पुष्पा देवी, सरला देवी, रामवती, ब्रजेश पंडित, सरोज देवी, विमला आदि महिलाओं ने बताया कि काम-धाम ठप होने से वे पहले ही घर बैठे हुए हैं। सब्जी रोटी की जगह अब पानी के लिए पैसे जोड़कर पानी पीकर प्यास बुझा रहे हैं। 60 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दो ड्रम पानी भरवाना पड़ता है। महीने में औसत 1800 रुपये का पानी और पैसे खर्च हो जाते है। जिससे घर का बजट बिगड़ गया है। जैसे जैसे तापमान बढ़ता जाएगा वैसे ही यह परेशानी भी बढ़ती जाएगी।

संतोष शर्मा

कालिंदी विहार की जनता सजा ए काला पानी की सजा भुगत रही है। बीस साल में खारे पानी का प्रयोग कर रहे है। जिसके चलते शरीर की त्वचा से लेकर घर के बर्तन व फर्श तक खराब हो गए है। न जाने कब इस खारे पानी से निजात मिलेगी।

गुड्डी देवी

एक भी सरकारी नल तक पूरी कालोनी में नहींं है। एक था, वह भी लंबे समय से खराब पड़ा हुआ है। हमारे घर का बजट बिगड़ गया है। इनकम पहले से ही नही है, ऊपर से महीने पर करीब 18 सौ रुपये का पानी का खर्चा जीवन की राह बिगाड़ रहा है।

उषा देवी 


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