E- Conclave: महिलाओं पर हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय चर्चा, ई-कॉन्क्लेव का आगरा भी हिस्सा
E- Conclave फॉग्सी की ई-कॉन्क्लेव में देश भर से जुटे विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान। आगरा से डा. जयदीप डा. नरेंद्र और डा. निहारिका मल्होत्रा हुए शामिल। 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।
आगरा, जागरण संवाददाता। महिलाओं पर होने वाले अत्याचार पर रोक लगे इस विषय पर रविवार को राष्ट्रीय स्तर की ई-कॉन्क्लेव आयोजित की गई। प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों की सबसे बड़ी संस्था फॉग्सी द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव में पुलिस विभाग, सुरक्षा बल, राजनीतिज्ञ, स्कूल, कॉलेज, महिला एवं बाल विकास विभाग, एनजीओ, महिला संगठन से प्रतिनिधि शामिल हुए। देश के विभिन्न राज्यों और शहरों के साथ ही आगरा ने भी इस कॉन्क्लेव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहां से कई डॉक्टरों ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम मुद्दे उठाए तो वहीं युवा डॉक्टर निहारिका मल्होत्रा ने लघु नाटिका के जरिए समाज को झकझोरने वाला संदेश दिया।
फॉग्सी के अध्यक्ष डा. अल्पेश गांधी ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए परिवार और समाज में लिए जाने वाले अहम फैसलों में उनकी भी अहम भागीदारी होनी चाहिए। उपाध्यक्ष डा. अर्चना बसर ने कहा कि आज महिलाओं की स्थिति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। इस तरह की कॉन्क्लेव की जरूरत है, जिसमें हर क्षेत्र हर वर्ग से चिंतक शामिल हों। ई-कॉन्क्लेव में आगरा से शामिल वरिष्ठ स्त्री रोग एवं आईवीएफ विशेषज्ञ डा. जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। इसी परिपेक्ष्य में यह कॉन्क्लेव आयोजित की गई थी, जिसमें इन अपराधों को कैसे रोका जाए इस पर मंथन किया गया। डा. जयदीप ने कॉन्क्लेव में एसिड पीड़िताओं के इलाज में बरती जाने वाली सावधानियों और संवेदनशीलताओं के बारे में व्याख्यान दिया। कॉन्क्लेव में आगरा से शामिल वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने महिला चिकित्सकों के साथ बढ़ रही दुर्व्यवहार की घटनाओं पर अपने व्याख्यान के जरिए चिंता जाहिर की। आगरा की हीं आईवीएफ विशेषज्ञ डा. निहारिका मल्होत्रा ने लघु नाटिका के जरिए एसिड अटैक के खिलाफ आवाज उठाई। उनके और डा. शेहला जमाल के अभिनय की काफी प्रशंसा की गई। एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल शामिल हुइ उन्होंने आपबीती बताई और कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा तभी रुक सकती है, जब कानून में और सख्ती आए और कोर्ट से जल्द न्याय मिले। कॉन्क्लेव के अंतर्गत फिल्म और खेल जगत की कई हस्तियों ने भी अपने संदेश दिए।