Stadium in Agra: आगरा के स्टेडियम में फ्लड लाइट्स बनीं ख्वाब, एकेडमियां हो रहीं रात में रोशन
Stadium in Agra दशकों से खिलाड़ी उठाते रहे हैं एकलव्य स्टेडियम में फ्लड लाइट्स लगाने की मांग। सरकार ने कभी नहीं दिया ध्यान अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का प्रस्ताव केवल वादों तक सीमित रहा। शहर में वर्तमान में दो दर्जन से अधिक क्रिकेट एकेडमियां चल रही हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में क्रिकेटर्स अभ्यास को तरस रहे हैं, वहीं प्राइवेट एकेडमियां और स्टेडियम रात में रोशन हो रहे हैं। एकेडमियों व स्टेडियम में फ्लड लाइट्स लग चुकी हैं, जबकि स्टेडियम में यह दशकों से ख्वाब ही बना हुआ है। स्टेडियम में सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ी एकेडमियों का रुख कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम केवल वादों तक सीमित रहा है।
आगरा में सबसे पहले करीब चार वर्ष पूर्व रोहता स्थित सूरजभान सिंह क्रिकेट स्टेडियम में फ्लड लाइट्स लगाई गई थीं। यहां डे-नाइट टूर्नामेंट भी हुआ था। हाल ही में बिचपुरी स्थित अवंतीबाई लोधी क्रिकेट स्टेडियम में भी फ्लड लाइट्स लगाई गई हैं। खिलाड़ी अब यहां रात में अभ्यास तो कर ही सकेंगे, रात में मैचों का आयोजन भी हो सकेगा। स्टेडियम में बनी तीन टर्फ विकेट पर उन्हें अपनी प्रतिभा को तराशने का अवसर मिलेगा। कुबेरपुर स्थित एक मैदान में भी फ्लड लाइट्स लगाई गई हैं। एकेडमियों व प्राइवेट स्टेडियम में एक ओर जहां खिलाड़ियों के रात्रि में अभ्यास और मैचों के लिए फ्लड लाइट्स लग रही हैं, वहीं एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में यह दशकों से ख्वाब ही बना हुआ है। यहां रात में क्रिकेटर्स अभ्यास कर सकें, इसकी भी सुविधा उपलब्ध नहीं है।
यहां है रात्रि अभ्यास की सुविधा
शहर में वर्तमान में दो दर्जन से अधिक क्रिकेट एकेडमियां चल रही हैं। इनमें से जीडी गोयनका चाहर क्रिकेट एकेडमी, थ्राइव क्रिकेट एकेडमी और कासमास क्रिकेट एकेडमी में खिलाड़ियों के रात में अभ्यास की सुविधा है। यहां लाइट्स लगाकर रात में खिलाड़ियों को अभ्यास कराया जाता है।
अवंतीबाई लोधी क्रिकेट स्टेडियम में रात में मैच हो सकते हैं। यहां फ्लड लाइट्स लगाई जा चुकी हैं। टर्फ विकेट पर खेलने से खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा को तराशने का अच्छा अवसर मिलेगा।
-अनीस राजपूत, चेयरमैन अवंतीबाई लोधी क्रिकेट स्टेडियम
स्टेडियम से अधिक प्राइवेट एकेडमियों में सुविधाएं हैं। वहां फ्लड लाइट्स, रात में अभ्यास की सुविधाएं आदि उपलब्ध हैं। सुविधाओं के चलते खिलाड़ी प्राइवेट एकेडमियों का रुख कर रहे हैं।
-मनोज कुशवाहा, कोच थ्राइव एकेडमी