Fraud in Agra: अंसल ग्रुप के चेयरमैन समेत पांच अधिकारियों पर धोखाधड़ी का मुकदमा
Fraud in Agra शाहगंज के अशोक कुमार गुप्ता ने अदालत में दिया था प्रार्थना पत्र। कंपनी के पनवारी में बन रहे सुशांत ताज सिटी प्रोजेक्ट प्लाट के नाम पर धोखाधड़ी का लगाया है आरोप। अदालत ने चेयरमैन वाइस चेयरमैन अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अदालत ने दिए मुकदमे के आदेश।
आगरा, जागरण संवाददाता। अंसल प्रापर्टीज एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के चेयरमैन सुशील अंसल समेत कंपनी के पांच अधिकारी धोखाधड़ी और अमानत में खयानत के आरोप में फंस गए हैं। अदालत ने इन सभी के खिलाफ हरीपर्वत थानाध्यक्ष को मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए हैं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके विवेचना शुरू कर दी है।
शाहगंज के लाडली कटरा निवासी अधिवक्ता अशोक कुमार गुप्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। अशोक कुमार गुप्ता के मुताबिक अंसल प्रापर्टीज एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के पंजीकृत कार्यालय अंसल भवन, कस्तूरबा गांधी मार्ग नई दिल्ली और स्थानीय कार्यालय अनुपम प्लाजा संजय प्लेस आगरा के द्वारा पनवारी में सुशांत ताज सिटी प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में उन्होंंने वर्ष 2012 में 153 वर्ग गज का एक प्लाट बुक किया था । पांच हजार रुपये प्रति वर्ग गज की दर से प्लाट की रकम का उन्होंने कंपनी को भुगतान कर दिया। कंपनी ने उनसे यह बात छिपा ली कि यह प्लाट पहले से ही सुनीता पत्नी चोब सिंह निवासी राजदीप अपार्टमेंट न्यू आगरा के नाम आवंटित है।
कंपनी ने प्लाट की बुकिंग करते समय उन्हें आश्वस्त किया इस प्लाट के मालिक वही हैं। इसके अलावा कंपनी ने उन्हें बताया कि प्रोजेक्ट का आगरा विकास प्राधिकरण से मानचित्र भी स्वीकृत है। अशोक कुुमार गुप्ता के मुताबिक वह जुलाई 2018 के बाद से अपने प्लाट पर कब्जा पाने के लिए कंपनी के कार्यालय गए। कंपनी के अधिकारियों ने हर बार उन्हें जल्दी ही कब्जा दिलाने का आश्वासन दिया। इस पर वह कंपनी के दिल्ली स्थित कार्यालय भी गए, लेकिन उन्हें प्लाट पर कब्जा नहीं मिला ।अधिवक्ता के प्रार्थना पत्र पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने अंसल प्रापर्टीज एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के चेयरमैन सुशील अंसल, वाइस चेयरमैन प्रणव अंसल, अध्यक्ष योगेश गाबा, उपाध्यक्ष सुमित शर्मा और सहायक अध्यक्ष विनय यादव के खिलाफ अमानत में खयानत एवं धोखाधड़ी की धारा में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। इंस्पेक्टर हरीपर्वत अजय कौशल ने बताया न्यायिक आदेश पर मुकदमा दर्ज किया है। विवेचना की जा रही है।
फर्जी नक्शा और ले आउट दिखाने का आरोप
अधिवक्ता अशोक कुमार गुप्ता के मुताबिक अप्रैल 2019 में उन्हें आगरा विकास प्राधिकरण से जानकारी की । वहां से पता चला कि कंपनी ने उक्त भूमि क्रय नहीं की थी ।उसका ले आउट और फर्जी नक्शा पहले से ही तैयार कराके एडीए से स्वीकृत कराया बताया गया है ।जिसमें उनका प्लाट भी दर्शाया गया है।