Fire in Agra: आगरा में फिजियोथैरेपिस्ट के घर में लगी आग का आंखाें देखा हाल, मानो पीछा कर रही थी हर तरफ मौत
Fire in Agra जान बचाने को बाथरूम में घुसे पीछा करती आ गई मौत। आंख खुली तो भूतल से लेकर प्रथम तल के कमरों में भर चुका था धुंआ। नहीं दिख रही थीं सीढ़ियां आग से बचने को खुद और कपड़ों को भिगाे लिया था।
आगरा, जागरण संवाददाता। रविवार की भोर होने से करीब दो घंटे पहले प्रथम तल पर बने कमरे में सो रही प्राची और उनकी बेटी खुशी का दम घुटने लगा। दोनों की आंख खुली तो कमरे में चारों ओर धुंआ भरा हुआ था। यह देखकर दोनों बुरी तरह से घबरा गईं। प्राची ने बराबर में सो रहे पति आशीष और बेटे प्रणण उर्फ अंशू को जगाने का प्रयास किया। भूतल पर लगी आग और सीढ़ियों पर धुंआ भरने के चलते नीचे भागने का रास्ता बंद हो चुका था। कोई रास्ता न देखकर चारों लोग अपनी जान बचाने के लिए बाथरूम में जाकर घुस गए। शावर चलाकर खुद को और कपड़ों को पानी से पूरी तरह से भिगो लिया। मगर, पीछा करती मौत वहां भी पहुंच गई, आशीष को अपने साथ ले गई।
आशीष के कमरे से बाथरूम अटैच है। कमरे के सामने बालकनी भी है, बंदरों के चलते बालकनी की खुलने वाला दरवाजा अक्सर बंद रहता है। आशीष कमरे में एसी लगा हुआ है। भूतल पर इनर्वटर वाले हिस्से में शार्ट सर्किट से लगी आग के चलते उसमें पूरी तरह से धुंआ भर गया था। एसी के चलते कमरा बंद होने के चलते आशीष और उनके परिवार को इसका पता नहीं लगा। वह सोते रहे, इस दौरान धुंआ प्रथम तल पर तक पहुंच गया। प्राची और खुशी का दम घुटने पर उनकी आंख खुली। भूतल पर भागने का रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था, वह सीधे बाथरूम की ओर भागे। जिससे कि पानी से आग और धुंए का मुकाबला किया जा सके। उन्होंने बाथरूम का जंगला खोलने का प्रयास किया। जिससे कि धुएं को बाहर निकाला जा सके। इसी दौरान आशीष अचेत होकर गिर गए। इसके बाद एक के बाद एक चारों लोग बेहोश हो गए। होश आया तो प्राची, खुशी और अंशू ने खुद को अस्पताल में पाया।