CM Yogi ने मांगा धर्मगुरुओं से सहयोग, कहा Lockdown के बाद भी देना होगा साथ
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने फादर मून लाजरस से मांगा सुझाव संपादकों से भी करेंगे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में चर्चा।
आगरा, जागरण संवाददाता। लॉक डाउन खत्म होने के बाद भी धर्मगुरुओं की जिम्मेदारियां खत्म नहीं होंगी।शहर में भीड़ एकत्र ना हो और लोग जागरूक रहें, इसके लिए धर्म गुरू प्रशासन का लगातार सहयोग करते रहेंगे। रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मगुरुओं के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में यह बात कही। कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने लॉक डाउन में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए शुरू की गई योजनाओं की भी जानकारी दी।
कलेक्ट्रेट के एनआईसी सभागार में हुई इस कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मगुरुओं से जनता को जागरूक करने की बात कही। उन्होंने कहा धर्म गुरुओं की काफी अहमियत होती है, उनकी बात लोग सुनते हैं। इसलिए कोरोना के समय में अपने धर्मों में जागरूकता फैलाएं। लोगों का बताएं कि इस बीमारी का इलाज केवल घर पर रहना ही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा की घड़ी लॉक डाउन के बाद शुरू होगी। लोग एकदम से सड़कों पर उतरेंगे।इससे सारी मेहनत बेकार चली जाएगी। लोगों को जागरूक होना होगा, धर्म गुरू गली-मोहल्लों में जाकर लोगों से बात करें। उन्हें समझाएं कि लॉक डाउन के बाद भी खतरा है, इसलिए कहीं भी भीड़ एकत्र ना करें।
एक घंटे की इस कॉन्फ्रेसिंग में आगरा से केवल फादर मून लाजरस को मुख्यमंत्री से बात करने का मौका मिला। फादर मून लाजरस से सुझाव मांगा, जिस पर फादर ने कहा कि गली-मोहल्लों में गश्त को प्रभावी बनाना होगा। स्थानीय प्रशासन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन हर जरूरतमंद की मदद कर रहा है।साथ ही उन्होंने कहा कि मीडिया में कोरोना फैलाने के लिए धर्म विशेष को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। यह गलत है, इससे आने वाले समय में खाई और गहरी हो जाएगी।इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जल्द ही संपादकों के साथ भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और अफवाहें फैलाने वालों पर सख्ती की जा रही है। इसी बीच उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में क्वारंटाइन में रखे गए जमाती प्रशासन का सहयोग नहीं कर रहे हैं। धर्म गुरूओं को उन्हें समझाना होगा कि इस समय इस तरह की हरकतें ना करें।प्रशासन और चिकित्सकों का सहयोग करें। यह एक वायरस है जो धर्म देखकर संक्रमित नहीं करता।
आज हम सक्षम हैं इससे लड़ने को धर्म गुरुओं से हुई बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पेनिश फ्लू के समय हमारे देश में अस्पताल नहीं थे। लेकिन आज हम इस सि्थति में हैं कि इस महामारी से हार नहीं मानेंगे। अमेरिका और ईरान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कई देशों में इस वायरस ने हजारों जानें ली हैं। किंतु भारत के प्रयासों के सामने यह बीमारी ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगी। कॉन्फ्रेंसिंग में आगरा के अलावा बनारस, सहारनपुर, प्रयागराज, अयोध्या व लखनऊ के धर्म गुरुओं से भी बात की गई थी।
मंडलायुक्त ने भी मांगे सुझाव
कॉन्फ्रेंसिंग के बाद मंडलायुक्त अनिल कुमार ने भी धर्म गुरुओं से सुझाव मांगे।इस पर महंत योगेश पुरी ने कहा कि जानवरों के लिए प्रशासन को कदम उठाने होंगे, जानवर भूखे हैं। मंडलायुक्त ने संज्ञान लेते हुए आश्वासन दिया कि वे इसके लिए नगर निगम को निर्देश देंगे।महंत योगेश पुरी ने यह भी सुझाव रखा कि जिस संप्रदाय को समझाने में प्रशासन को दिक्तत आ रही है, इसमें वे धर्म गुरुओं का सहयोग ले सकते हैं।शहर मुफ्ती मुदसि्सर खान कादरी ने कहा कि जिस तरह से कोरोना संदिग्धों को पकड़ कर ले जाया जाता है, उससे एेसा लगता है मानो वे अपराधी हैं।लोग भयभीत होते हैं। इस पर मंडलायुक्त ने कहा कि यह इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अभी भी लोग सामने नहीं आ रहे हैं। यह बीमारी तेजी से फैलती है, जितना जल्दी इलाज मिलेगा उतना ही जल्दी वे स्वस्थ होंगे।कॉन्फ्रेंसिंग में जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह, एसएसपी बबलू कुमार के साथ संत बाबा प्रीतम सिंह, भंते ज्ञान रत्न बौद्ध, शहर काजी मौलाना रियासत अली, बंटी ग्रोवर मौजूद थे।