Move to Jagran APP

CoronaVirus in Agra: कोरोना को दे रहे मात,​ जिंदगी से रहे हार, ये बीमारी हो रही घातक

CoronaVirus in Agra कोरोना से ठीक होने पर घातक हो रही फेफड़ों की फाइब्रोसिस। मधुमेह रोगी और बुजुर्ग मरीजों को सांस लेने में परेशानी। इस तरह केस अब बढने लगे हैं। कोरोना से ठीक होने के बाद मरीज दोबारा भर्ती हो रहे हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 08:22 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 08:22 AM (IST)
CoronaVirus in Agra: कोरोना को दे रहे मात,​ जिंदगी से रहे हार, ये बीमारी हो रही घातक
कोरोना वायरस से निमोनिया और उसके बाद फेफड़ों की फाइब्रोसिस सिकुडन हो रही है।

आगरा, जागरण संवाददाता। बुजुर्ग और मधुमेह रोगी कोरोना को मात दे रहे हैं। मगर, जिंदगी से हार रहे हैं। कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सांस लेने में परेशानी हो रही है। इससे मौत होने लगी है। कोरोना वायरस से निमोनिया और उसके बाद फेफड़ों की फाइब्रोसिस सिकुडन हो रही है। यह बुजुर्ग, मधुमेह, सांस रोगियों में आम पोस्ट कोविड कॉप्लीकेशन कोरोना से ठीक होने के बाद समस्या है। इससे सांस लेने में परेशानी होने लगती है। शरीर में आक्सीजन का स्तर कम होता जाता है, ऐसे में मरीज घर पर है, उसे आक्सीजन नहीं लगाई गई है तो मौत हो सकती है। इस तरह केस अब बढने लगे हैं। कोरोना से ठीक होने के बाद मरीज दोबारा भर्ती हो रहे हैं।अभी तक 134 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 32 साल की दिल्ली गेट निवासी महिला डाक्टर की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इसके साथ ही ​पश्चिमपुरी निवासी 70, 53, 36 और चार साल के बालक में कोरोना की पुष्टि हुई है। बाह के चार, फतेहाबाद के दो मरीज सहित कोरोना के 57 केस आए हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या 6526 पहुंच गई है। कोरोना संक्रमित 5892 मरीज ठीक हो चुके हैं। 530 मरीज भर्ती हैं।

loksabha election banner

ब्रीथिंग एक्सरसाइज से मिल रहा आराम

इस तरह के केस में ​डाक्टरों द्वारा ब्रीथिंग एक्सरसाइज बताई जा रही हैं, इससे धीरे धीरे फेफड़ों की सिकुडन कम हो रही है। इसमें चार से छह सप्ताह लग रहे हैं। इसके बाद आक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं होती है।

कोरोना संक्रमित बुजुर्ग लोगों में फेफड़ों की फाइब्रोसिस घातक हो रही है, वे ठीक से सांस नहीं ले पाते हैं। आक्सीजन का स्तर कम होने पर शरीर के अन्य अंग प्रभावित हो रहे हैं और मौत तक हो रही है।

डा संतोष कुमार, विभागाध्यक्ष टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट

कोरोना से ठीक होने के बाद भी सांस लेने में परेशानी है तो मरीज को तीन से चार सप्ताह के लिए नान कोविड वार्ड में भर्ती कर ब्रीथिंग एक्सरसाइज कराई जा रही है। इसके रिजल्ट अच्छे आ रहे हैं।

डा मृदुल चतुर्वेदी, मेडिसिन विभाग एसएन मेडिकल कालेज 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.