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अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने चढ़ाई चिश्ती की दरगाह में चादर

सूफी संत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने चादरपोशी की। दोनों मुल्कों के बीच मधुर संबंधों के लिए दुआ पढ़ी गई।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 10:16 PM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2018 10:16 PM (IST)
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने चढ़ाई चिश्ती की दरगाह में चादर
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने चढ़ाई चिश्ती की दरगाह में चादर

आगरा (जेएनएन)। सूफी संत हजरत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह में शनिवार को अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने चादरपोशी कर दुआ मांगी। दोनों मुल्कों के बीच मधुर संबंधों के लिए दुआ पढ़ी गई। उन्होंने मुगल राजधानी रही फतेहपुर सीकरी स्थित स्मारकों का दीदार भी किया।

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पूर्व राष्ट्रपति करजई शनिवार शाम 4:15 बजे राजदूत सईद अहमद अब्दाली के साथ फतेहपुर सीकरी में दीवान-ए-आम के वीआइपी गेट पहुंचे। पूर्व राष्ट्रपति और उनके साथ आए अतिथि मुगलिया सल्तनत की लाल पत्थरों की तामीर में शिल्पकला को देख हैरत में नजर आए। गाइड ने मुगलिया इतिहास के बारे में जानकारी दी। दरगाह में सज्जादानशीं ने फातिहा पढ़ा और अमन-चैन की दुआ मांगी। सज्जादानशीं ने मजार शरीफ  के द्वार पर फारसी में लिखे सिजरा को पढ़कर सुनाया। पूर्व राष्ट्रपति को यह इतना अच्छा लगा कि उन्होंने इसे दोबारा सुना। दरगाह के कव्वालों से उन्होंने अमीर खुसरो की कव्वालियां सुनीं। दरगाह परिसर व स्मारक क्षेत्र में पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई को देख भारतीय पर्यटकों ने उनके साथ सेल्फी ली। करजई ने पर्यटकों से हिन्दी में भी बातचीत की। 


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