जेवरात गिरवी रख घर लौटा बाह का परिवार
मजदूर बोले बस चालक ने प्रति सवारी वसूले 900 रुपये
जागरण टीम, आगरा। कोरोना से दिल दहलाने वाले हालात के बीच प्रवासी मजदूरों का घर लौटना तेज हो गया है। फतेहाबाद क्षेत्र से होकर बड़ी संख्या में मजदूर बाह की ओर पैदल जा रहे हैं। गुरुवार सुबह दिल्ली से प्राइवेट बस में सवार होकर बुढ़ैरा मोड़ पहुंचे मजदूरों ने आपबीती सुनाई।
बाह निवासी जयराम अपनी पत्नी रामश्री, दो बेटी व एक बेटे के साथ दिल्ली से लौटे हैं। जयराम ने बताया कि वे दिल्ली में कपड़ों का फड़ लगाते हैं। वहां एक हफ्ते के लाकडाउन ने बुरा हाल कर दिया। जितना पैसा था, सब खाने पीने में खर्च हो गया। रोटी के लाले पड़े तो पत्नी की करधौनी और पायजेब छह हजार रुपये में गिरवी रख दिए और पैदल ही घर जाने के लिए निकल पड़े। रामश्री ने रोते हुए बताया कि बस चालक ने प्रति सवारी 900 रुपये वसूला। अब उनके पास घर जाने के लिए ही पैसे बचे हैं। घर जाकर जीविका कैसे चलेगी, यह भी नहीं मालूम। कहती हैं, कि दिल्ली में पेट पालने गए थे लेकिन जेब खाली है। इसके बाद वे बुढ़ैरा मोड़ से बाह जाने वाली बस में सवार होकर चले गए। दिल्ली से आए रामजीलाल ने बताया कि वे मजदूरी करते हैं। लाकडाउन से अब दिल्ली में कमाई नहीं हो रही। वे घर जाकर अब वहीं आय का स्रोत तलाशेंगे। बड़ी संख्या में लौट रहे प्रवासी मजदूर
दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, पंजाब समेत अन्य स्थानों पर रह रहे प्रवासी मजदूर अब घर लौट रहे हैं। गुरुवार सुबह बड़ी संख्या में लोग बुढ़ैरा मोड़ से पैदल गंतव्य की ओर जाते दिखे। किसी के कंधे पर बोझ तो कोई बच्चों को गोद में लिए जा रहा था।