आगरा के पिता− पुत्र बुरे फंसे, धोखाधड़ी कर ADA की 35 करोड़ रुपये की जमीन कब्जाने का आरोप
अधिग्रहण के बाद वर्ष 1999 में एडीए को कराया गया था कब्जा हस्तांतरण। छह खसरों में पांच बीघा है जमीन। डिग्री का हुआ निर्माण 46 लोगों को बेचे गए प्लाट एडीए के भू अर्जन अनुभाग की जांच में खुला मामला।
आगरा, जागरण संवाददाता। एडीए की शास्त्रीपुरम योजना के लिए तीस वर्ष पहले एडीए द्वारा अधिग्रहीत करोड़ों रुपये की भूमि पर सहकारी समिति ने कब्जा कर लिया। यह जमीन 46 लोगों को बेच दी गई थी। अब इस मामले में राजस्व निरीक्षक ने थाना शाहगंज में पिता-पुत्र के खिलाफ धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया है।
मुकदमे के अनुसार, सिकंदरा के मोहम्मदपुर गांव में शास्त्रीपुरम योजना के लिए वर्ष 1991 में भूमि का अधिग्रहण किया था। तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने इस भूमि के स्वामियों को नियमानुसार प्रतिकर का वितरण किया। इसके बाद 21 दिसंबर 1999 को एडीए के पक्ष में कब्जा हस्तांतरण भी हो गया। तब इस भूमि पर कोई निर्माण नहीं था।अब 24 जुलाई 2021 को एडीए के भू अर्जन अनुभाग ने जांच की। इसमें सामने आया कि बजरंग सहकारी समिति लि. के तत्कालीन सचिव सुशील कुमार गोयल और वर्तमान सचिव उनके बेटे सचिन गोयल ने एडीए की कब्जा प्राप्त का अवैध विक्रय 46 लोगों को रजिस्टर्ड बैनामा के माध्यम से कर दिया जबकि एडीए की अर्जित भूमि को बेचने का अधिकार इन्हें नहीं था।
मोहम्मद पुर में ही खसरा नंबर 208 की एडीए की कब्जा प्राप्त भूमि पर आरोपितों ने मां दुर्गा कालेज बनाकर अपना कब्जा कर लिया। जबकि इस कालेज की मान्यता इस भूमि पर नहीं है। पिता-पुत्र के खिलाफ राजस्व निरीक्षक राजीव शर्मा ने शाहगंज थाने में धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया है।
बैनामा माने जाएंगे शून्य
एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि शास्त्रीपुरम में जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई भू-अर्जन अधिनियम-1894 के तहत की गई है।
बसपा की टिकट पर लड़ा विधानसभा का चुनाव
सुशील कुमार गोयल दस साल तक मोहम्मदपुर गांव से प्रधान रहे हैं। वह वर्ष 1982 से 1992 तक रहे। बसपा की टिकट पर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2007 में चुनाव लड़ा।
4.84 करोड़ रुपये की जारी हो चुकी है रिकवरी
सुशील कुमार गोयल ने तहसील सदर के खसरा नंबर 279 में 610 वर्ग मीटर जमीन पर कब्जा किया है। यह ग्राम सभा की जमीन है। जिस पर तहसील सदर से तीस लाख रुपये की रिकवरी जारी हो चुकी है। इसी तरह से खसरा नंबर 209 पर कब्जा करने पर 4.54 करोड़ रुपये की रिकवरी जारी हो चुकी है।