Kisan Andolan: गाजीपुर बार्डर से लौटे ताजनगरी के किसान
Kisan Andolan आगरा से लगभग दो सौ किसानों का जत्था रविवार को गाजीपुर बार्डर पहुंचा था। वह पुलिस को चकमा देकर पहुंचे थे। इस बार ट्रैक्टरों से जाने की बजाय बस और कारों से गए थे। ताकि वह पुलिस की नजर में न आ सकें।
आगरा, जागरण संवाददाता। नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे आंदोलन में भाग लेने गए ताजनगरी के किसान लौट आए हैं। वह पुलिस को चकमा देकर गाजीपुर बार्डर पहुंचे थे। आगरा के किसानों ने भी एलान किया है कि जब तक तीनों नये कृषि कानून वापस नहीं होते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
आगरा से लगभग दो सौ किसानों का जत्था रविवार को गाजीपुर बार्डर पहुंचा था। वह पुलिस को चकमा देकर पहुंचे थे। इस बार ट्रैक्टरों से जाने की बजाय बस और कारों से गए थे। ताकि वह पुलिस की नजर में न आ सकें। कोई जींस-जैकेट पहनकर तो कोई कोट-पेंट पहनकर निकला। इसकी वजह से वह पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाए। हालांकि पुलिस ने तमाम किसानों के घर के बाहर पहरा भी लगा रखा था। इसके बावजूद किसान गाजीपुर बार्डर पहुंचने में सफल रहे। किसान नेता श्याम सिंह चाहर का कहना है कि पुलिस चाहे कितने ही पहरे बैठा दे, उनका आंदोलन रुकने वाला नहीं है। कृषि कानूनों के विरोध में उनका आंदोलन थमने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि ये तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं। गाजीपुर बार्डर से लौटने के बाद अब वह गांव-गांव पंचायत करेंगे, जिससे कि दूसरे किसानों को जागरूक किया जा सके। किसान नेता सोमवीर यादव का कहना है कि किसानों पर लगातार पुलिस-प्रशासन द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने आंदोलन में भाग लेने से रोका जा रहा है। मगर, वह रुकने वाले नहीं हैं। सरकार ने यदि कानून वापस नहीं लिए तो वह सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।