आलू किसान ने उठाया ऐसा कदम जिसने सुना रह गया सन्न, जानें आखिर क्या थी वजह
बैंक और साहूकार का था लाखों का कर्ज सिर पर। आलू की फसल में हो रहा था चार साल से नुकसान।
आगरा: फसल में नुकसान, तंग हाली और कर्ज की मार। तनाव इतना बढ़ा कि आलू किसान ने उठा लिया आत्मघाती कदम। मथुरा जिले की महावत तहसील ग्राम पंचायत हयातपुर के गांव गढ़ी में शनिवार शाम को किसान ने जहर खा लिया। जहर खाने पर बिगड़ी हालत के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां देर रात उसने दम तोड़ दिया।
32 वर्षीय दीपक सारस्वत पुत्र सुरेंद्र पाल आलू के कर्ज में डूबा हुआ था। किसान पिछले काफी समय से आलू की खेती कर रहा था। इसके लिए अपने खेत के साथ दूसरे का खेत भाड़े पर लेकर आलू की फसल कर रहा था। लेकिन विगत चार वर्षों से मंडी में आलू मंदा होने के कारण किसान को आलू की खेती में घाटा होता जा रहा था।
मृतक किसान के भाई राकेश के अनुसार बैंक ऑफ बड़ौदा गोकुल से दीपक ने 2 लाख 80 हजार और भूमि विकास बैंक मथुरा से 1 लाख 80 हजार का कर्जा लिया हुआ था। इसके अलावा गांव के साहूकारों से 15 लाख रुपये का कर्जा भी लिया हुआ था। आलू की खेती में लगातार घाटा होने के कारण कर्ज का पैसा चुक नहीं पा रहा था। दीपक कर्ज के बोझ के कारण कई दिनों से परेशान चल रहा था। संभवत: तनाव अधिक होने के कारण उसने शनिवार की शाम को जहर खा लिया।
जब दीपक शाम को घर नहीं पहुंचा तो परिजन उसे ढूंढने के लिए गांव में भटकने लगे। तभी एक ग्रामीण ने सूचना दी कि दीपक खेत की ओर जाते हुए देखा था। दीपक का भाई खेत की ओर पहुंचा तो दीपक को अचेत अवस्था में खेत में पड़ा हुआ पाया। भाई की हालत देखकर राकेश के होश उड़ गए। दीपक को तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
फसल की बर्बादी और कर्ज का बोझ बन रहा अन्नदाता की खुदकशी का कारण
कुछ दिन पूर्व पंजाब के एक किसान ने बैंक के कर्ज और सीबीआइ जांच के दोहरे दबाव में आकर खुदकशी कर ली थी। बाजपुर क्षेत्र के ग्राम विक्रमपुर के रहने वाला जगदीश सुबह बिस्तर पर अचेतावस्था में मिला था। परिजन उसे लेकर एक निजी चिकित्सालय पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे घोषित कर दिया था। मृतक के बेटे भूपेंद्र सिंह के अनुसार जगदीश पर बैंक के लोन पर आरसी कट गई थी। साथ ही फर्जी बैंक लोन के मामले में वह सीबीआइ जांच की जद में भी था। इसका उन्हें नोटिस भी आया था। इससे वह गहरे अवसाद में था। इससे कुछ दिन पहले उत्तराखंड के सितारगंज के ग्राम बिज्टी निवासी किसान मुखतियार सिंह (54 वर्ष) पुत्र करम सिंह ने कर्ज के बोझ के कारण खुदकुशी कर ली थी। शव के पास से सल्फास का पैकेट मिला था। परिजनों ने बैंक, सोसायटी व साहूकारों के कर्ज के चलते खुदकुशी की बात कही थी। परिजनों का कहना था कि बारिश के कारण गेहूं की फसल खराब होने से किसान तनाव में था।