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ढाबे पर फर्जी आइपीएस ने मांगी शराब, शक होने पर पकड़वाया

-ताजगंज की घटना पुलिस पहुंची तो खुद को बताने लगा आबकारी निरीक्षक कर्मचारियों से मांग रहा था शराब इटावा का रहने वाला आरोपित है गार्ड

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 10:00 AM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 10:00 AM (IST)
ढाबे पर फर्जी आइपीएस ने मांगी शराब, शक होने पर पकड़वाया
ढाबे पर फर्जी आइपीएस ने मांगी शराब, शक होने पर पकड़वाया

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजगंज के एक ढाबे पर बुधवार की रात खुद को आइपीएस बताने वाले युवक ने जमकर हंगामा किया। कर्मचारियों से पहले शराब मांगी, मना करने पर उनसे मारपीट कर दी। वहां पहुंची पुलिस पर भी रौब जमाने का प्रयास किया। मगर, असली पुलिस के सामने फर्जी आइपीएस के तेवर ढीले पड़ गए। खुद को आबकारी निरीक्षक बताने लगा, थाने लाकर पूछताछ की तो इटावा का रहने वाला प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड निकला।

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ताजगंज में टीडीआइ मॉल के पास आस्था फैमिली ढाबा है। बुधवार देर रात वहां इटावा के थाना सिविल लाइन स्थित न्यू यशोदा नगर निवासी रामवृक्ष सिंह पहुंचा। खाने का आर्डर देने के बाद वह शराब की मांग करने लगा। कर्मचारियों ने ढाबे पर शराब नहीं मिलने की कहकर मना कर दिया। इस पर रामवृक्ष ने खुद को आइपीएस बताते हुए हंगामा शुरू कर दिया। ढाबा बंद कराने की धमकी देने लगा। कर्मचारियों से मारपीट शुरू कर दी।

सूचना पर पुलिस पहुंची तो उसे भी प्रभाव में लेने की कोशिश की। पुलिस ने रामवृक्ष से पूछा कि वह किस बैच के आइपीएस हैं। उनके बैच में और कौन अधिकारी रहे हैं। इस पर वह पुलिसकर्मियों को हड़काने लगा। इस पर पुलिस उसे थाने ले आई। वहां पूछताछ करने पर रामवृक्ष खुद को आबकारी निरीक्षक बताने लगा। करीब दो घंटे चली पूछताछ के बाद आरोपित ने सच कबूल किया। उसने बताया कि वह एक सिक्योरिटी एजेंसी में गार्ड है। पुलिस ने उससे आबकारी निरीक्षक का फर्जी परिचय पत्र बरामद किया। सीओ सदर उदयराज सिंह ने बताया कि आरोपित पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है।

फूंक-फूंक कर पूछताछ कर रही थी पुलिस

मौके पर गई पुलिस खुद को आइपीएस बताने वाले रामवृक्ष से पूछताछ में फूंक-फूंक करके कदम रख रही थी। एक डर ये भी था कि कहीं वह सच में आइपीएस न हो। यहां ताज घूमने आया हो। मगर, जब वह अपने बैच के अन्य अधिकारियों के नाम नहीं बता सका और किसी स्थानीय अधिकारी को फोन नहीं किया तो पुलिस को उसके आइपीएस होने पर शक हो गया।

आबकारी निरीक्षक में पकड़ा नहीं गया तो बना आइपीएस

पुलिस पूछताछ में आरोपित रामवृक्ष ने बताया कि कई बार आबकारी निरीक्षक बनकर ढाबों और रेस्टोरेंट पर लोगों की आंखों में धूल झोंक चुका था। इसलिए आइपीएस बनकर रौब जमाने की सोची। मगर, पहली बार में ही पकड़ा गया।

पहले भी पकड़े जा चुके हैं फर्जी अधिकारी

फर्जी आइपीएस और आइएएस अधिकारी पहले भी पकड़े जा चुके हैं। चार महीने पहले दयालबाग क्षेत्र निवासी मीतेश और उसकी महिला मित्र को लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। मीतेश ने अपने को आइएएस और उसकी महिला मित्र ने खुद को आइपीएस बताकर ठगी की थी। इससे पहले न्यू आगरा की युवती से फर्जी आइएएस बनकर युवक सगाई करने आया था। उसके खिलाफ भी लड़की वालों ने मुकदमा दर्ज कराया था।


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