Antigen Test: आगरा के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले हर मरीज का होगा एंटीजन टेस्ट
दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में शनिवार सुबह सीएमओ आगरा डा. आरसी पांडेय ने दी जानकारी। जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने कहा कि वैक्सीन आने से ढिलाई नहीं होगी। शनिवार को वैक्सीनेशन का पहला फेज था। इसमें स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाई गई है। फरवरी में दूसरा फेज होगा।
आगरा, जागरण संवाददाता। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले हर मरीज का अब एंटीजन टेस्ट होगा। शासन के नए आदेश के अनुपालन में यह व्यवस्था अब आगरा के हर सरकारी अस्पताल में शुरू हो जाएगी। शनिवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न पहर में आए जिलाधिकारी और सीएमओ डा.आरसी पांडेय ने प्रश्नों के जवाब में कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।
सीएमओ डा. आरसी पांडेय ने बताया कि जिला अस्पताल, जालमा कुष्ठ रोग संस्थान और एसएन मेडिकल कालेज की ओपीडी में आने वाले हर मरीज का अब पहले एंटीजन टेस्ट होगा। रिपोर्ट तुरंत ही मरीजों को दे दी जाएगी। उसके बाद यह सुविधा हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी शुरू की जाएगी। जालमा में हर रोज लगभग 1000 रोगी, एसएन मेडिकल कालेज में 2500 और जिला अस्पताल में हर रोज 1000 रोगियों के एंटीजन टेस्ट हो सकते हैं।
वैक्सीन से घबराएं नहीं
डा. पांडेय ने कहा कि वैक्सीन को लेकर जितनी भी अफवाहें वे निराधार हैं। वैक्सीन लगाने के बाद कोई भी साइड इफेक्ट अब तक सामने नहीं आया है।आम वैक्सीन की तरह ही इस वैक्सीन में भी टीका लगने के स्थान पर दर्द, चक्कर, शरीर पर चकत्ते आदि हो सकते हैं। अगर किसी मरीज को कोई भी दिक्कत होती है तो चिकित्सकों की पूरी टीम उनके इलाज के लिए तैयार है।
तीन फेज में होगी वैक्सीनेशन
शनिवार को वैक्सीनेशन का पहला फेज था। इसमें स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाई गई है। फरवरी में दूसरा फेज होगा, जिसमें पुलिसकर्मियों के साथ ही सफाई कर्मी व पैरामेडिकल स्टाफ भी शामिल है। तीसरे फेज में 50 साल की उम्र से ज्यादा और गंभीर रोगों के मरीजों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
वैक्सीन का मतलब नियमों की अनदेखी नहीं
प्रश्न पहर में जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने कहा कि वैक्सीन आने का मतलब यह कतई नहीं है कि लोग कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना बंद कर दें। मास्क है जरूरी, दो गज की दूरी का पालन करना अनिवार्य है। स्कूल कब खुलेंगे? प्रश्न के जवाब में जिलाधिकारी का कहना था कि शासन के आदेशों के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। जब शहर में 14 दिन तक एक भी केस नहीं आएगा, तब स्कूल खोलने पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा अब जरूरत के अनुसार ही सैनिटाइजेशन कराया जाएगा।