Indian Railway: आगरा रेल मंडल में कर्मचारियों ने चार साल में 86 लाख रुपये दिया 'चंदा'
Indian Railway रेलवे यूनियन के सदस्यों के वेतन से हर साल सदस्यता शुल्क के कटते हैं 400 रुपये। आगरा रेल मंडल में नार्थ सेंट्रल रेल मेंस यूनियन और नार्थ सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज संघ ही मान्यता प्राप्त संगठन हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा रेल मंडल में करीब 10 हजार कर्मचारी हैं। इनमें से अधिकांश कर्मचारियों के वेतन से हर साल 400 रुपये की कटौती होती है। ये कटौती रेलवे यूनियन के खाते में जाती है। जो कर्मचारी जिस यूनियन का सदस्य होता है, उसके वेतन से हर साल सदस्यता शुल्क कटता है। चार साल में रेल कर्मचारियों 86.47 लाख रुपये सदस्यता शुल्क दे चुके हैं। आगरा रेल मंडल में नार्थ सेंट्रल रेल मेंस यूनियन और नार्थ सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज संघ ही मान्यता प्राप्त संगठन हैं। अधिकांश रेल कर्मचारी इन यूनियनों से जुडे़ हुए हैं। यूनियन की सदस्यता लेते समय उनसे एक फार्म भरवाया जाता है। इसके बाद उनके वेतन से हर साल सदस्यता शुल्क कटता है, भले ही कर्मचारी ने उस यूनियन को छोड़कर दूसरे यूनियन की सदस्यता ले ली हो। जब तक संगठन नहीं चाहेगा, तब तक कर्मचारी के वेतन से कटौती जारी रहेगी।
रेलवे कर्मचारी यूनियन द्वारा वेतन से सदस्यता शुल्क कटौती की जानकारी के लिए उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ मंडल मंत्री बंशी बदन झा ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी। आरटीआइ से पता चला कि वर्ष 2016 से 2020 तक एनसीआरएमयू और एनसीआरईएस से जुडे़ कर्मचारियों के वेतन से 86.47 लाख रुपये की कटौती की गई है। अगर कोई कर्मचारी दोनों संगठन को छोड़कर अन्य संगठन में चला भी जाता है तो उसके वेतन से तब तक कटौती जारी रहेगी, जब तक उस संगठन की ओर से रेलवे के पास कटौती बंद करने का पत्र नहीं आएगा। आरटीआइ लगाने वाले कर्मचारी का आरोप है कि बड़ी संख्या में आगरा मंडल में ऐसे कर्मचारी हैं, जो अब इन दोनों संगठन का हिस्सा नहीं है, लेकिन इसके बाद भी उनके वेतन से कटौती जारी है। हर साल वेतन से चार सौ रुपये की कटौती होती है। ये गलत है, इसे बंद करना चाहिए।
कई कर्मचारियों के दोनों संगठन में हो रही कटौती
आगरा रेल मंडल में करीब 800 कर्मचारी ऐसे हैं जिनके वेतन से दोनों संगठनों के लिए सदस्यता शुल्क कट रहा है। दोनों संगठन के फार्म पर भरने के कारण उनके वेतन से ये कटौती होती है। ये कटौती सालों से हो रही है।
ये हुई कटौती
एनसीआरईएस को वर्ष 2016-17 में 11,28653 रुपये, वर्ष 18-19 में 13,33,188 रुपये और वर्ष 2019-20 में 1206773 रुपये सदस्यता शुल्क प्राप्त हुआ। कुल तीन साल में 36.68 लाख रुपये शुल्क आया। इसी तरह एनसीआरएमयू को वर्ष 2016-17 में 15,37,145 रुपये, वर्ष 2017-18 में 12,91,441 रुपये, वर्ष 2018-19 में 9,48,168 रुपये व वर्ष 2019-20 में 12,02,690 रुपये सदस्यता शुल्क प्राप्त हुआ। चार साल में 49.79 लाख रुपये शुल्क प्राप्त हुआ।
सदस्यता लेते समय फार्म भरवाया जाता है, उस पर हर बात लिखी होती है। अगर कोई कर्मचारी दूसरे संगठन में जाता है, तो उसे शुल्क कटौती बंद करने के लिए संगठन को प्रार्थना पत्र देना होगा। इस प्रार्थना पत्र पर संगठन अनुमति देकर कार्मिक विभाग को भेज देता है।
राकेश पाठक, एनसीआरएमयू पूर्व मंडल अध्यक्ष
सदस्यता लेते समय फार्म भरवाया जाता है। अगर कोई कर्मचारी संगठन की सदस्यता शुल्क कटौती बंद करवाना चाहता है तो प्रार्थना पत्र दे सकता है। इसके बाद कटौती बंद हो जाएगी।
अक्षयकांत शर्मा, एनसीआरईएस मंडल अध्यक्ष