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Agra Metro: आगरा मेट्रो में ब्रेक लगने और लिफ्ट चलने से पैदा होगी बिजली, जानिए कैसे

एक हजार यूनिट खर्च होने पर 450 यूनिट बिजली फिर से हो सकेगी पैदा। यूपीएमआरसी रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली का करेगा प्रयोग। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि आगरा में दिसंबर 2023 तक छह किमी लंबे ट्रैक पर मेट्रो का संचालन प्रस्तावित है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 10:55 AM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 11:26 AM (IST)
Agra Metro: आगरा मेट्रो में ब्रेक लगने और लिफ्ट चलने से पैदा होगी बिजली, जानिए कैसे
आगरा मेट्रो में बिजली का उत्‍पादन भी होगा।

आगरा, अमित दीक्षित। छोटा लेकिन अच्छा और बेहतरीन प्रयास। आगरा मेट्रो सिर्फ लोगों के लिए आवागमन का साधन नहीं होगा बल्कि यह बिजली भी पैदा करेगी और बारिश की हर बूंद का बचाएगी। उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) द्वारा रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा। इससे ट्रेन में ब्रेक लगने और लिफ्ट चलने से जो ऊर्जा पैदा होगी, उसका दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा। एक हजार यूनिट खर्च होने पर 450 यूनिट बिजली फिर से पैदा की जा सकेगी। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि दिसंबर 2023 तक छह किमी लंबे ट्रैक पर मेट्रो का संचालन प्रस्तावित है। इसमें तीन किमी एलीवेटेड और तीन किमी अंडरग्राउंड ट्रैक होगा। उन्होंने बताया कि लखनऊ, कानपुर मेट्रो में इस प्रणाली का प्रयोग किया जा रहा है।

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ग्रीन मेट्रो, क्लीन मेट्रो को बढ़ावा: यूपीएमआरसी के प्रबंधक निदेशक कुमार केशव ने बताया कि ग्रीन मेट्रो, क्लीन मेट्रो को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे वाहनों का भार कम होगा और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार आएगा। वर्तमान में एंटी स्माग गन का प्रयोग किया जा रहा है। इससे हर दिन फतेहाबाद रोड पर पानी का छिड़काव किया जाता है।

बारिश का पानी नहीं होगा बर्बाद: यूपीएमआरसी आगरा मेट्रो के माध्यम से बारिश का पानी बर्बाद नहीं होने देगा। शहर में साढ़े 22 किमी लंबा एलीवेटेड ट्रैक होगा। इसमें पहले कारिडोर में साढ़े छह किमी और दूसरे कारिडोर में 16 किमी लंबा ट्रैक होगा। दोनों में 300 से अधिक पिट बनाए जाएंगे। मेट्रो ट्रैक पर बारिश का पानी पिट की मदद से भूगर्भ में चला जाएगा। एक साल में दस लाख लीटर बारिश के पानी की संचयन किया जा सकेगा। इसी तरह से मेट्रो के डिपो में जीरो डिस्चार्ज फैसिलिटी पर कार्य किया जाएगा।

पौधारोपण के जरिए होगा पर्यावरण संरक्षण: मेट्रो ट्रैक और डिपो में पौधे लगाए जाएंगे। इससे कारिडोर और डिपो हरा-भरा नजर आएगा।

आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट एक नजर में

- शहर में तीस किमी लंबा मेट्रो ट्रैक होगा

- कुल लागत 8379 करोड़ रुपये होगी

- साढ़े 22 किमी लंबा एलीवेटेड ट्रैक होगा

- साढ़े सात किमी लंबा अंडरग्राउंड ट्रैक होगा

- सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट तक पहला कारिडोर 14 किमी लंबा होगा

- आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से कालिंदी विहार तक दूसरा कारिडोर 16 किमी लंबा होगा।

- पीएसी ग्राउंड और कालिंदी विहार में मेट्रो के दो डिपो होंगे


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