बाढ़ में उजड़ गया गुढ़ा गांव, कइयों के घर टूटे
बिजली और पेयजल का संकट बढ़ रहा बीमारियों का प्रकोप
जागरण टीम, आगरा। चंबल नदी की बाढ़ से गुढ़ा गांव उजड़ा-उजड़ा सा दिख रहा है। जलस्तर तो कम हो गया लेकिन व्याप्त गंदगी के कारण बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। बिजली के साथ पेयजल संकट को लेकर लोगों में आक्रोश पनप रहा है।
गांव में 125 मकान हैं। 1200 की आबादी वाले इस गांव के अधिकांश घर बाढ़ के पानी में डूब गए। झोपड़ियां गिर चुकी हैं, कच्चे मकान ढह गए हैं और गंदगी भरी रहने से पक्के मकानों से सड़ांध आ रही है। ग्रामीण रामदास, गिरंधर, मुन्नीराम, भागीरथ, रामसेवक के घर टूट चुके हैं। वहीं बलवान सिंह और धनी सिंह के घरों की दीवारों पर दरार आ गई है। पिनाहट-चंबल नदी घाट मार्ग पर कटान
जागरण टीम, आगरा। पिनाहट से चंबल नदी घाट की ओर जाने वाला मुख्य मार्ग बाढ़ के पानी में डूब गया। इससे लोगों को घाट तक आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। मुख्य मार्ग पर कटान हो जाने के कारण समूचा रास्ता एक गहरी खाई में बदल गया है। मार्ग पर बनी पक्की सड़क पानी में बह चुकी है। इस रास्ते से पैंटून पुल के लिए भी रास्ता है। कटान के कारण लोग पैदल ही निकल पा रहे हैं। पीने के पानी के लिए घंटों इंतजार
जागरण टीम, आगरा। जैतपुर कला के क्षत्रिय नगर मुहल्ले के लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। लोगों को पेयजल के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है। मुहल्ले में एक ही हैंडपंप होने की वजह से लोग परेशान है। लोगों ने पेयजल समस्या के समाधान की मांग की है। मांग करने वालों में भूरे तिवारी, गबड़े सिंह भदौरिया, आकाश शंखवार, जितेंद्र शंखवार, विशाल भदौरिया, सुमित जैन लल्ला सिंह, मंजेश यादव, सचिन राजौरिया, रविकांत मिश्रा, रामसिंह आजाद, अरविद यादव, आदिल मिर्जा, सिराजुद्दीन, राकेश यादव, डॉ आशीष कुमार आदि लोग मौजूद रहे।