ई-ऑफिस लागू करने की प्रक्रिया में तेजी, हुआ साक्षात्कार
आगरा: सरकारी दफ्तरों को पेपरलेस बनाने यानी कागजों पर लिखा-पढ़ी की विदाई होने वाली है।
जागरण संवाददाता, आगरा: सरकारी दफ्तरों को पेपरलेस बनाने यानी कागजों पर लिखा-पढ़ी की विदाई का वक्त तेजी से करीब आ रहा है। सरकारी कर्मियों को इस कामकाज की जानकारी देने के लिए मास्टर ट्रेनरों की तैनाती की जा रही है। इसके लिए मंगलवार को विकास भवन में साक्षात्कार की प्रक्रिया सीडीओ रविंद्र कुमार ने पूरी की। इनकी तैनाती पर आखिरी निर्णय कमिश्नर के. राम मोहन राव लेंगे।
15 अगस्त से सरकारी दफ्तरों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने जा रही है। अफसर और बाबुओं के डिजिटल सिग्नेचर बनवाए जाने की शुरुआत भी हो गई है। सरकारी महकमों में अभी फाइलें दौड़ती हैं। बाबू उल्लू सीधा नहीं होने की स्थिति में कई बार फाइलें दबा लेते हैं। फरियादियों के समयबद्ध काम नहीं हो पाते और वे सरकारी कार्यालयों की दौड़ लगाने को विवश होते हैं। ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने के बाद फाइलों को दबाने या रोकने की फरियादियों की आशंका समाप्त हो जाएगी। नई व्यवस्था लागू करने से पहले जनपद स्तर के सरकारी कार्यालय हाईटेक बनाए जाएंगे। सीडीओ रविंद्र कुमार ने बताया कि आगरा मंडल के हर जनपद में एक-एक मास्टर ट्रेनर की तैनाती 4-5 माह के लिए की जाएगी। इनको शीघ्र लखनऊ में ई-ऑफिस प्रणाली के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। बाद में ये मास्टर ट्रेनर अपने-अपने जनपदों में सरकारी कर्मियों को इस नई व्यवस्था के लिए प्रशिक्षण देंगे। सीडीओ रविंद्र कुमार ने बताया कि सरकारी कार्यालयों के कामकाज को भी सरकार डिजिटल बना रही है। नई व्यवस्था से कागजों की बचत होगी ही, कामकाज में भी पारदर्शिता आएगी। डिजिटल सिग्नेचर बनवाने की जिम्मेदारी संभाल रहे जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी प्रदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि ई-ऑफिस प्रणाली में कंप्यूटर पर फाइल तैयार होगी। हर अधिकारी और लिपिक का डिजिटल सिग्नेचर बनाया जा रहा है।