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NGT: एडीए अफसरों की लापरवाही से डूब क्षेत्र के गायब हो गए निशान, एनजीटी को अब क्‍या देंगे जवाब

चार साल पूर्व एनजीटी के आदेश पर संयुक्त टीम ने सर्वे कर गाड़ी थीं 740 मुडि्डयां। मंगलम एस्टेट के पीछे बनी दीवार को नहीं तोड़ सकेगी एडीए टीम धड़ल्ले से हो रहे हैं अवैध निर्माण। चिहिन्‍त करने को लगाई गईं करीब 100 मुड्डियां हुईं गायब।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 09:17 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 09:17 AM (IST)
एडीए अफसरों की लापरवाही से चार साल में डूब क्षेत्र में कुछ नहीं किया जा सका।

आगरा, जागरण संवाददाता। न कार्रवाई का डर और न ही नियमों की परवाह। आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के अफसरों की लापरवाही से यमुना नदी के डूब क्षेत्र की 100 मुडि्डयां गायब हो गई हैं। 70 फीसद मुडि्डयां दयालबाग क्षेत्र की हैं। अपने फायदे के लिए कुछ को बिल्डरों ने कुछ को क्षेत्रीय लोगों ने उखाड़ फेंका है। शिकायतों के बाद भी एडीए अफसरों और इंजीनियरों ने मुडि्डयां गायब होने को संज्ञान नहीं लिया। चार साल पूर्व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर संयुक्त टीम ने सर्वे कर 740 मुडि्डयां गाड़ी थीं। इसी के चलते डूब क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। वहीं मंगलम एस्टेट के पीछे यमुना नदी में बनी दीवार को एडीए टीम आज तक नहीं तोड़ सकी है।

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यूं हुआ था सर्वे: समाजसेवी डीके जोशी ने वर्ष 2014 में एनजीटी में डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण को लेकर याचिका दायर की थी। उस दौरान 24 प्रोजेक्ट के नाम गिनाए थे और उनकी सूची कोर्ट में जमा की थी। कोर्ट के आदेश पर पहली बार वर्ष 2016 में डूब क्षेत्र का सर्वे हुआ था। सर्वे में एडीए, नगर निगम, सिंचाई विभाग और प्रशासन की टीम शामिल थी। वर्ष 2017 में दो बार सर्वे हुआ था। दयालबाग स्थित कल्याणी हाइट्स के गेट के समीप के आसपास मुड्डी नंबर 719 से 725, राधा बल्लभ कालेज के पास मुड्डी नंबर 643 से 700, तनिष्क राजश्री के पास 500 से 530 तक नहीं हैं। इसके अलावा कुछ मुडि्डयां पोइया घाट और कुछ जीवनी मंडी क्षेत्र की हैं।

चार साल में एक भी नक्शा नहीं हुआ निरस्त: उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के डूब क्षेत्र में एडीए ने नक्शा पास कर दिए। इस मामले में एक सहायक अभियंता सहित सात इंजीनियरों को दोषी पाया गया है। चार साल के भीतर एक भी नक्शा निरस्त नहीं हुआ है।

एनजीटी के आदेश का नहीं हुआ पालन: डूब क्षेत्र के केस में वादी एचएस जाफरी का कहना है कि एनजीटी के आदेश का पालन नहीं हुआ है। एनजीटी ने नौ प्रोजेक्ट के डूब क्षेत्र के हिस्से को ध्वस्त कर मार्च 2020 तक रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए थे लेकिन एडीए टीम अभी तक रिपोर्ट दाखिल नहीं कर सकी है। ऐसे में केस को रीओपन करने के लिए याचिका दायर की जा रही है।

यमुना नदी के डूब क्षेत्र में मुडि्डयां गायब होने की शिकायत मिली हैं। इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं।

राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, सचिव एडीए


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