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Pulwama Terror Attack: फूट- फूटकर रोया दिव्यांग, फिर किया ऐसा ऐलान कि सब रह गए दंग

तीन माह की पेंशन लौटाई दिव्यांग योगेश ने। कलक्ट्रेट पहुंचे योगेश ने कहा पाकिस्तान को देना चाहिए कड़ा जवाब।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 03:56 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 03:56 PM (IST)
Pulwama Terror Attack: फूट- फूटकर रोया दिव्यांग, फिर किया ऐसा ऐलान कि सब रह गए दंग
Pulwama Terror Attack: फूट- फूटकर रोया दिव्यांग, फिर किया ऐसा ऐलान कि सब रह गए दंग

आगरा, जागरण संवाददाता। पुलवामा में हुए आतंकी हमले से हर कोई दु:खी है। पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। शहर के कोने-कोने में प्रदर्शन कर आतंक के पुतले फूंके जा रहे हैं। शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। एक दिव्यांग ने कलक्ट्रेट में अलग अंदाज में श्रद्धांजलि दी। उसने तीन माह की पेंशन की राशि जिला प्रशासन को लौटा दी।

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शमसाबाद के गांव चितौरा निवासी योगेश शर्मा दिव्यांग हैं। भारत मां की आन, बान और शान बचाने को देश पर कुर्बान होने वाले शहीदों की शहादत को उन्होंने जो श्रद्धांजलि दी, उसे देख हर कोई चकित था। कलक्ट्रेट पहुंचे योगेश फूट-फूट कर रोए। उन्होंने अपनी तीन माह की दिव्यांग पेंशन के तौर पर मिले एक हजार रुपये जिला प्रशासन को लौटा दिए। कहा कि पाकिस्तान को अब कड़ा जवाब देना चाहिए। राजनीति में आने से पहले नेताओं को छह माह के लिए जम्मू-कश्मीर में रखना चाहिए। इससे वह जम्मू-कश्मीर के हालात देख सकेंगे। योगेश ने राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन भी प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा।

दुकान खोली, शहीद की पत्नी के नाम करेंगे एफडी

पुलवामा में आतंकी हमले के विरोध में शनिवार को स्वत: स्फूर्त भारत बंद ऐतिहासिक रहा। ऐसे माहौल में जब लोगों ने यह सुना कि 'आज मैं अपना व्यापार बंद नहीं करूंगा' तो उनमें रोष फैलना स्वाभाविक था। लेकिन जब उद्देश्य पता चला तो वे दिल से तारीफ कर उठे। संजय प्लेस कंप्यूटर मार्केट स्थित एनएससी कंप्यूटर्स के मालिक राजीव सिंघल ने अपनी दुकान खोली। उन्होंने अपनी दिनभर की आय की एफडी कहरई के शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी को देने की बात कही। राजीव ने बताया कि बंद रखने से कुछ नहीं मिलता। हमें शहीदों के परिजनों का सहयोग करना चाहिए। इसीलिए उन्होंने अपनी दुकान दिनभर खोली। कई लोगों ने उनकी इस पहल की प्रशंसा करते हुए सहयोग का आश्वासन दिया।

शहीदों के नाम वेतन की 'श्रद्धांजलि'

छोटा प्रयास, लेकिन सराहनीय। शहीदों को वेतन की 'श्रद्धांजलि' दी। दो मिनट का मौन रखा। पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की। आतंकवाद के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब देने की मांग की।

कलक्ट्रेट हो या फिर तहसील व नगर निगम। इन सभी कार्यालयों में शनिवार को अफसर व कर्मचारियों ने एकत्र होकर दो मिनट का मौन रख शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मोमबत्ती जलाकर उन्हें याद किया। देश भक्ति का जज्बा दिखाया। पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की। आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई। उप्र मिनिस्टीरियल कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ की आपात बैठक दोपहर में बुलाई गई। बैठक में तय हुआ कि सभी अफसर व कर्मचारी एक दिन का वेतन शहीदों के परिजन को देंगे। कुछ कर्मचारी ऐसे थे कि एक हजार से लेकर पांच हजार रुपये जमा कराने पहुंच गए। यह देख कलक्ट्रेट के अन्य कर्मचारी पीछे नहीं रहे। कुछ ही देर में कलक्ट्रेट में डेढ़ लाख रुपये जमा हो गए। कुछ ऐसा ही हाल तहसील सदर, खेरागढ़, बाह, किरावली, फतेहाबाद, एत्मादपुर का भी रहा। दो सौ से अधिक कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन जमा कराया। कलक्ट्रेट और छह तहसीलों में कुल चार लाख रुपये जमा हुए। नगर निगम में भी अफसरों और कर्मचारियों की बैठक हुई। एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया गया। वहीं कर्मचारियों ने कामकाज ठप रखा। कार्यालयों को बंद कराया गया। एडीए में शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया।  


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