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अस्‍पताल में स्वतंत्र फीडर बना शो-पीस, मोबाइल की रोशनी में हुअा मरीजों का इलाज Agra News

मैनपुरी जिला अस्‍पताल में तीन घंटे गुल रही बिजली। उपचार में आई परेशानी।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 07:34 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 07:34 PM (IST)
अस्‍पताल में स्वतंत्र फीडर बना शो-पीस, मोबाइल की रोशनी में हुअा मरीजों का इलाज Agra News
अस्‍पताल में स्वतंत्र फीडर बना शो-पीस, मोबाइल की रोशनी में हुअा मरीजों का इलाज Agra News

आगरा, जेएनएन। उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बनेे बिजली के फाल्ट अब मरीजों की मुश्किलें भी बढ़ाने लगे हैं। लगभग तीन घंटों तक आपूर्ति बाधित रहने से मैनपुरी जिला अस्पताल में मरीजों के उपचार में समस्या पैदा हुई। नर्सिंग स्टाफ को अपने मोबाइल फोन की मदद से रजिस्टर में दवाओं के नाम खोजने पड़े।

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चौबीस घंटे आपूर्ति मिले, इसके लिए जिला अस्पताल परिसर में बिजली विभाग द्वारा स्वतंत्र फीडर स्थापित कराया गया है। लेकिन, इसका कनेक्शन सही ढंग से न कराए जाने के कारण सप्लाई ढंग से नहीं मिल पा रही है। रविवार को सुबह 11 से दोपहर डेढ़़ बजे तक सिविल लाइन से आपूर्ति बाधित हुई। लगभग तीन घंटों तक फाल्ट की वजह से सप्लाई चालू नहीं हो सकी। ऐसे में इनवर्टर भी डिस्चार्ज हो गए। जिसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा।

अस्पताल के वार्डों में पूरी तरह से अंधेरा छा गया। दोपहर में दवा बांटने का समय हुआ तो नर्सिंग स्टाफ के लिए समस्या बढ़ गई। दवा देना भी जरूरी था। लिहाजा, मोबाइल फोन की टॉर्च से उजाला कर मरीजों के नाम और चिकित्सकों द्वारा बढ़ाई गई दवाओं को देखकर उन्हें उपचार दिया गया।

कई बार हुआ पत्राचार, नहीं हुई सुनवाई

अस्पताल प्रशासन द्वारा इस फीडर से कनेक्शन देने के लिए कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से पत्राचार किया गया लेकिन आज तक विभागीय अधिकारियों ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। कनेक्शन न कराए जाने की वजह से यह फीडर अपना काम नहीं कर पा रहा है।

बिजली विभाग में नहीं हुई सुनवाई

शासन स्तर से डीजल के लिए सीमित बजट जारी किया जाता है। थोड़ी देर के लिए तो जनरेटर चला सकते हैं लेकिन यदि देर तक बिजली गुल रहे तो हमें इमरजेंसी के लिए डीजल बचाकर रखना पड़ता है। इसी समस्या के निस्तारण को फीडर बनवाया गया था। बिजली विभाग के अधिकारियों को कई बार पत्र लिखकर संचालन के लिए अनुरोध किया गया लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब दोबारा जिलाधिकारी के माध्यम से मांग की जाएगी।

डॉ. आरके सागर, सीएमएस, जिला अस्पताल।


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